भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को जोधपुर में कहा कि चाहे सभी पार्टियां के एक साथ आ जाएं पर भाजपा नागरिकता संशोधन कानून(CAA) पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी। इस मौके पर शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह को सुनने के लिए भारी भीड़ पहुंची। इस दौरान अमित शाह ने जोधपुर में पाकिस्तानी (Pakistan) शरणार्थियों से भी मुलाकात की।
अमित शाह बोले कि कांग्रेस, ममता दीदी, एसपी, बीएसपी, केजरीवाल एंड कंपनी सभी इस कानून का विरोध कर रहे हैं, इन सभी को मैं चुनौती देता हूं कि वो साबित करें इससे किसी अल्पसंख्यक को नुकसान होगा। अमित शाह ने कहा कि राहुल बाबा, अगर कानून पढ़ा है तो इसपर चर्चा करने के लिए आ जाइए।अमित शाह ने कहा कि राहुल बाबा कानून पढ़ा है, तो कहीं पर भी चर्चा करने के लिए आ जाओ, नहीं पढ़ा है तो मैं इटैलियन में इसका अनुवाद करके भेज देता हूं, उसको पढ़ लीजिए।अमित शाह ने कहा कि ये नरेंद्र मोदी का शासन है, किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम(CAA) को लेकर कांग्रेस पार्टी पर वार किया है। शुक्रवार को उन्होंने जोधपुर में आयोजित एक जनसभा में कहा, कांग्रेस के बड़े नेता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि पड़ोसी देशों से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जानी चाहिए। हालांकि अब वह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहस और नेतृत्व में ही हुआ है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसे लोगों को नागरिकता देने के संबंध में केन्द्र सरकार को अनेक पत्र लिखे थे, लेकिन अंत में अपना वोट बैंक खोने के डर से वे इस बारे में चुप्पी साध गए। शाह ने गहलोत को कोटा पर अपना ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, जहां 100 से अधिक नवजातों की जानें जा चुकी हैं।

शाह ने कहा, कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ गलत सूचना अभियान शुरू किया है। कांग्रेस अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए विरोध-प्रदर्शनों का उपयोग कर रही है। भारतीय जनता पार्टी ने एक जनजागरण अभियान शुरू किया है, जिसके माध्यम से हम नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए घर-घर जाकर 3 करोड़ लोगों से मिलेंगे। इस दौरान 250 से अधिक संवाददाता सम्मेलन तथा 50 से अधिक रैलियां आयोजित की जाएंगी।
विपक्षी दलों की तरफ से फैलाये जा रहे मिथकों को समाप्त करने के लिए हम देश के लोगों से बातचीत करेंगे। उनकी आशंकाओं को सुन कर उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में तथ्यों से अवगत करायेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री बोले, मैं सभी विपक्षी दलों को यह चुनौती देता हूं कि वे सीएए में ऐसी एक भी पंक्ति दिखाएं, जिससे किसी व्यक्ति की नागरिकता को छीना जा सके। सीएए एक ऐसा सशक्त कानून है जो नागरिकता देता है, यह किसी भारतीय की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। सीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उन छह उत्पीड़ित अल्पसंख्यक वर्गों के लिए हैं, जिन्होंने भारत में शरण और आश्रय मांगा है।
हम विपक्षी दलों के गलत सूचना अभियान की परवाह किए बगैर सीएए पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। हम युवाओं और अल्पसंख्यकों के बीच जा कर उन्हे सच्चाई बताएंगे और उनके दिल से भ्रम दूर करेंगे।
देश का धार्मिक आधार पर विभाजन नहीं किया जाना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस ने यह काम आगे बढ़कर किया। पड़ोसी देशों में जनसंख्या प्रतिशत के रूप में अल्पसंख्यकों का हिस्सा बांग्लादेश में 30 से घटकर सात फीसदी और पाकिस्तान में 23 फीसदी से घट कर तीन तक हो गया है। विपक्ष यह बताए कि उन लोगों का क्या हुआ। क्या वे मर गए, या उनका धर्म परिवर्तन कर दिया गया, या उन्हे भारत में शरण लेनी पड़ी?
इन तीन देशों से आए प्रताड़ित अल्पसंख्यक इस देश में एक गरिमा पूर्ण जीवन और पहचान का हकदार है। कांग्रेस ने वोट बैंक के डर की सोच के कारण ऐसा नहीं किया। केवल मोदी सरकार ने ही इन प्रताड़ित लोगों के मानवीय अधिकारों और गरिमा को सम्मान देने के लिए यह साहसिक निर्णय लिया है। सीएए नेहरू-लियाकत संधि से पैदा हुआ है, जिसमें दोनों देशों के अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के बारे में बात कही गई है।
कांग्रेस ने इस संधि को नजरंदाज किया, लेकिन हम सीएए को लागू करके इसका सम्मान करेंगे। 70 फीसदी अल्पसंख्यक शरणार्थी दलित हैं, इनकी रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, जो इन्हें नागरिकता देने का विरोध कर रहे हैं, वे दलित सशक्तिकरण का ही विरोध कर रहे हैं। गृहमंत्री ने सभी समुदायों के नागरिकों को आश्वस्त किया कि उन्हें कोई भी बिना वजह परेशान नहीं करेगा। उन्होंने सीएए को समर्थन हेतु जनता के लिए एक टॉल फ्री नंबर भी जारी किया।