लाहौर में शुक्रवार को उग्र भीड़ ने Gurdwara Nankana Sahib गुरुद्वारा ननकाना साहिब को घेर कर पथराव किया। पाकिस्तान से आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ सिख श्रद्धालु भीतर फंसे हुए हैं। करीब 7 बजे भीड़ ने गुरुद्वारे को घेर लिया और इसे तोड़ने की धमकी दी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- पाकिस्तान Pakistan स्थित ननकाना साहिब गुरुद्वारा में हुई पत्थरबाजी को लेकर हम चिंतित हैं। ननकाना साहिब जैसे पवित्र स्थान पर अल्पसंख्यक सिख समुदाय को निशाना बनाया गया, जो कि गुरु नानक देव जी की जन्मभूमि है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ का नेतृत्व मोहम्मद हसन का परिवार कर रहा था। बताया जा रहा है कि हसन ने एक सिख लड़की को अगवाकर उसका धर्म परिवर्तन करवाया। यह लड़की गुरुद्वारे के पंथी की बेटी थी। धर्मपरिवर्तन के बाद हसन को अधिकारियों ने बेरहमी से पीटा।
पाकिस्तान के ननकाना साहिब में शुक्रवार को सैकड़ों की भीड़ ने सिखों के सबसे पवित्र धर्मस्थलों में से एक ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर पत्थरबाजी की। दोपहर से ही भीड़ ने गुरुद्वारे को घेर लिया। बढ़ते दबाव के बाद पाकिस्तान की पुलिस ने देररात सिख लड़की जगजीत कौर के अपहरण के आरोपी एहसान को छोड़ दिया। आरोपी के छोड़े जाने के बाद भीड़ अब गुरुद्वारे से हट गई है। मौके पर अभी भी बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात है। घटना से जुड़े विडियो में एक कट्टरपंथी सिखों को ननकाना साहिब से भगाने और इस पवित्र शहर का नाम बदलकर गुलाम अली मुस्तफा करने की धमकी देते दिख रहा है।
कट्टरपंथियों की भीड़ ने गुरुद्वारे को घेर रखा है। इस वजह से पहली बार गुरुद्वारा जन्म स्थान ननकाना साहिब में भजन-कीर्तन को रद्द करना पड़ा है। गुरु गोविंद सिंह जी के गुरुपरब के मौके पर अखंड पाठ शुरू होने वाला था। सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारे के अंदर फंसे हुए हैं। पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। खौफ की वजह से सिख समुदाय के कई लोग घरों में भी छिपे हुए हैं।
पाकिस्तान के ननकाना साहिब में यह वाकया ऐसे वक्त हुआ है जब भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। संशोधित कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर प्रताड़ना का शिकार हो भारत आए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।