दिल्ली चुनाव Delhi Election के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi ने मंगलवार को द्वारका Dwarka में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “केंद्र में भाजपा-एनडीए सरकार देश में अभूतपूर्व गति से विकास कार्य कर रही है। आजादी के बाद से पहले कभी इस तरह से काम नहीं किया गया।” इसके साथ ही पीएम ने कहा, “ये लोग बाटला हाउस के आतंकवादियों के लिए रो सकते है। उनके लिए पुलिस को कटघरे में खड़ा कर सकते हैं लेकिन दिल्ली का विकास नहीं कर सकते है।” बता दें कि प्रधानमंत्री 8 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी दूसरी रैली को संबोधित करते हुए ये बातें कही। इससे पहले उन्होंने सोमवार को कड़कड़डूमा में रैली को संबोधित किया था। रैली के दौरान मंच पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेता दुष्यंत चौटाला भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कल पूर्वी दिल्ली में और आज यहां द्वारका में यह साफ हो गया है कि 11 फरवरी को क्या परिणाम आने वाले हैं। दिल्ली को बढ़ाने के लिए, राष्ट्रहित के भाव को बुलंद रखने के लिए आपके इस जोश और जुनून को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। दिल्ली का यह चुनाव इस दशक का पहला चुनाव है। यह दशक भारत का दशक होने वाला है और भारत की प्रगति उसके आज लिए गए फैसले पर निर्भर करेगी। आज एक तरफ इन फैसलों को लेने वाला पक्ष और दूसरी तरफ फैसलों के खिलाफ खड़ा विपक्ष है। आज देश की राजधानी को इस दशक का 2030 तक का दिल्ली का रास्ता दिखाना है। यह काम आप सभी दिल्ली के मेरे मतदाता भाइयों-बहनों को 8 फरवरी को करना है। दिल्ली और देश के हित में इस बार एकजुट और एक स्वर में पूरी ताकत के साथ हमें खड़ा होना है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, दिल्ली को ऐसी सरकार भी चाहिए जो समय आने पर देश के पक्ष को मजबूत करे, हमारे वीर सैनिकों के साथ खड़ी हो। दिल्ली को ऐसी राजनीति नहीं चाहिए जो आतंकी हमले के समय भारत के पक्ष को कमजोर करे, जो अपने बयानों से दुश्मन को भारत पर वार करने का मौका दे दे। सर्जिकल और एयरस्ट्राइक जैसे फैसलों के बाद किस तरह के बयान आए, यहां की सरकार में बैठे लोगों ने कैसे-कैसे बयान दिए थे, हर दिल्ली वाले में वह गुस्सा है। 8 तारीख को यह गुस्सा निकलेगा, दिल्लीवासी उन्हें सजा देंगे।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली को दोष देने वाली नहीं, दिशा देने वाली सरकार चाहिए। दिल्ली को रोड़े अटकाने वाली और नफरत फैलाने वाली राजनीति से मुक्ति चाहिए। दिल्ली को उलझाने वाली नहीं, सुलझाने वाली राजनीति चाहिए। दिल्ली को विकास की योजनाएं रोकने वाली नहीं, सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास वाला नेतृत्व चाहिए।’
