जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir ) के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) पर शिकंजा और कस गया है। गुरुवार को प्रशासन ने इन दोनों नेताओं पर जन सुरक्षा अधिनियम Public Safety Act (PSA) लगा दिया। पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही ये दोनों नेता नजरबंद चल रहे हैं। इनके साथ दो अन्य नेताओं पर भी पीएसए लगाया गया है। बता दें कि उमर के पिता तथा नैशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला पहले से ही पीएसए के तहत बंद हैं।
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को छह महीने ऐहतियातन हिरासत में लिए जाने की अवधि गुरुवार को समाप्त हो रही थी। ये सभी नेता पिछले वर्ष पांच अगस्त के बाद से ऐहतियातन हिरासत में रखे गए थे। अब इन पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगा दिया गया है। पुलिस के साथ पहुंचे मैजिस्ट्रेट ने महबूबा के आवास पर जाकर उन्हें इस आदेश के बारे में जानकारी दी। महबूबा इसी बंगले में नजरबंद हैं।
जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) उन लोगों पर लगाया जा सकता है, जिन्हें सुरक्षा और शांति के लिए खतरा माना जाता हो। 1978 में शेख अब्दुल्ला ने इस कानून को लागू किया था। 2010 में इसमें संशोधन किया गया था, जिसके तहत बगैर ट्रायल के ही कम से कम 6 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार चाहे तो इस अवधि को बढ़ाकर दो साल तक भी किया जा सकता है।