कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही सरकार ने कोरोना की पहचान छुपाने और लापरवाही बरतने के मामले में आगरा (AGRA) के एक डॉक्टर दंपति और उनके बेटे के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि बीते शाम गुरुवार को कमला नगर स्थित सार्थक नर्सिंग होम (Sarthak Nursing Home) के संचालक डॉ. राजीव गुप्ता के बेटे को कोरोना से संक्रमित पाया गया था। कोरोना पॉजिटिव (COVID-19 positive ) की एसएन से रिपोर्ट आने के बावजूद डॉक्टर दंपति ने कंट्रोल रूम पर इसकी सूचना नहीं दी थी जिसके चलते प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए धारा 188, 269 और 270 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
यह आगरा में दूसरी एफआईआर इससे पहले रेलवे अधिकारी ने कोरोना संक्रमित बेटी को छिपा लिया था। युवती के पति में पहले ही कोरोना की पुष्टि हो चुकी थी। युवती का सैंपल लिया जा चुका था। उसका अब एसएन मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है।
मामला थाना न्यू आगरा का है। बीते गुरुवार शाम को पुलिस कंट्रोल रूम और स्वास्थ्य विभाग को यह सूचना मिली थी कि कमला नगर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल सार्थक नर्सिंग होम(Sarthak Nursing Home) में कोरोनावायरस मरीज पाया गया है। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस बल मौके पर पहुंची। जानकारी करने पर पता चला कि यह संदिग्ध मरीज सार्थक नर्सिंग होम के संचालक का बेटा ही है जो 21 मार्च को इंग्लैंड से आगरा आया था। मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने केवल कोरोना से संक्रमित दंपति के बेटे को अपने साथ ले गई बल्कि अस्पताल में काम करने वाले समस्त नर्सिंग स्टाफ और परिवार सहित लगभग 25 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में पहुंचा दिया।
इस मामले की जांच करने पर यह पता चला कि डॉक्टर दंपत्ति ने अपने बेटे का टेस्ट करवाया था जिसमें कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई थी। बावजूद इसके डॉक्टर ने कोरोनावायरस की पहचान छुपाई और स्वयं ही अपने बेटे का इलाज करने लगे थे। इसके बाद आगरा प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए कोरोना संक्रमित मरीज की जानकारी ना देने और लापरवाही करने पर डॉक्टर दंपति और उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

फतेहाबाद के आजाद गली स्थित एक परिवार में एक महिला की डिलीवरी आगरा के सार्थक नर्सिंग होम में हुई थी। गौरतलब है कि सार्थक नर्सिंग होम के चिकित्सक के पुत्र को कोरना पॉजिटिव पाए जाने पर उसके समस्त स्टाफ को पहले ही आइसोलेट किया जा चुका है। वहीं यहां पर डिलीवरी करा कर 23 मार्च को छुट्टी करा कर घर वापस आने वाले परिवार को भी अब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आइसोलेशन में भेज दिया है। परिवार के पांच सदस्यों को एंबुलेंस के द्वारा आगरा के जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ एके सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम आजाद गली स्थित उस परिवार के पास पहुंची तथा उससे बातचीत की। उन्होंने बताया कि उन्होंने 23 मार्च को अपनी छुट्टी कराई थी। संदिग्ध मामला होने पर सभी को आइसोलेशन में भेज दिया गया है। डॉक्टर दंपती के पुत्र में कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद स्टाफ, मरीज और तीमारदार समेत कुल 58 लोगों के सैंपल लिए गए थे। इनमें से 54 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।