राजधानी दिल्ली(Delhi ) में धारा-144 लागू होने के बावजूद निजामुद्दीन इलाके (Nizamuddin area) में हुए इस्लामी धार्मिक जलसे में शामिल 2000 लोगों में से 24 लोगों को कोरोना (Covid-19) संक्रमण की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया। 350 लोगों में महामारी के लक्षण मिलने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जलसे से तेलंगाना लौटे छह लोगों की मौत हुई है।
तेलंगाना मुख्यमंत्री कार्यालय (Telangana Chief Minister’s office) ने ट्वीट कर बताया कि ये सभी संक्रमित थे। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती संदिग्धों की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार है। दिल्ली सरकार ने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के मरकज ( Markaz) संचालकाें पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
Six people from Telangana who attended a religious congregation at Markaz in Nizamuddin area of New Delhi from 13-15 March succumbed after they contracted #Coronavirus. Two died in Gandhi Hospital while one each died in Apollo Hospital, Global Hospital, Nizamabad and Gadwal
— Telangana CMO (@TelanganaCMO) March 30, 2020
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निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च के बीच जलसे में सऊदी अरब, दुबई, उजबेकिस्तान, इंडोनेशिया और मलयेशिया के अलावा देश के कई राज्यों से लोग आए थे। इनमें 600 भारतीयों सहित करीब 2000 लोग थे। लॉकडाउन से पहले बड़ी संख्या में लोग चले गए थे, लेकिन सोमवार को मरकज में 24 लोगों के पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया।
शाम तक 350 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुछ राज्यों में यहां से वापस गए लोग भी पॉजिटिव मिले हैं। तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी लौटे लोगों में से कुछ संक्रमित मिले हैं। रविवार को छह यमन नागरिकों में संक्रमण की पुष्टि के बाद लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराना शुरू किया।
दिल्ली के अलावा यूपी, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु व तेलंगाना सरकार आयोजन में शामिल लोगों की तलाश कर रही है। गुंटूर विधायक मुस्तफा शेख के भाई भी तब्लीगी जमात में आए थे, जो संक्रमित मिले हैं। इसके बाद शेख परिवार के 14 सदस्य क्वारंटीन हैं। जलसे से लौटे 60 वर्षीय व्यक्ति की बीते हफ्ते कश्मीर में मौत के बाद खतरे की घंटी बज गई थी।
निजामुद्दीन स्थित मरकज संचालकों को पुलिस ने नोटिस देकर जवाब-तलब किया है। आयोजकों ने पुलिस को बताया, जलसा पहले से चल रहा था। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के कारण लोग मरकज में रुक गए। फिर लॉकडाउन के चलते लोग यहीं रुके रहे। पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी। बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन थाने के कई पुलिसकर्मी भी कोरोना संदिग्ध के दायरे में हैं।
मरकज के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 100 लोग शामिल हुए थे, जिनकी पहचान हो चुकी है। यूपी पुलिस के मुताबिक, इन सभी को दिल्ली के ही अलग-अलग अस्पतालों में क्वारंटीन किया गया है। इन लोगों के परिजनों से भी संपर्क किया है। ज्यादातर लोग पश्चिमी यूपी और तीन वाराणसी के थे। पुलिस का दावा है कि आयोजन के बाद यूपी का कोई भी व्यक्ति लौटा नहीं है।हजरत निजामुद्दीन इलाके के रिहायशी इलाकों को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है। तबलीगी जमात का मुख्यालय हजरत निजामुद्दीन थाने ओर ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के सटा हुआ है।