महाराष्ट्र ( Maharashtra) के पालघर से मोब लिंचिंग ( Palghar mob-lynching) का भयावह मामला सामनें आया है। पालघर (Palghar) में शैतान बने लोगों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर डाली। वहां जूना अखाड़ा (Juna Akhada )के दो बुजुर्ग निहत्थे साधुओं को जानवरों की तरह लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार डाला, वह भी पुलिस के सामने। समुदाय विशेष के लोगों द्वारा किए गए इस हैवानी अपराध का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक निहत्था बुजुर्ग भगवाधारी साधु पुलिसवाले का सहारा लेने की कोशिश करता है, लेकिन पुलिसवाला उस साधु को उन हैवानों की ओर ही धकेल देता है तो चारों ओर से घेरकर उस पर डंडे बरसाने शुरू कर देते हैं। इसके बाद भी साधु एक बार फिर पुलिसवाले की आड़ लेने का प्रयास करता है तो पुलिसवाला फिर उसे उन्हीं हैवानों की ओर धकेल देता है। सबसे डरावना यही है कि पुलिस साधु को बचाने का प्रयास ही नहीं करती। अब पुलिस कह रही है कि चोर होने की अफवाह फैलने पर ये हत्याएं की गईं।
इतना ही नहीं, इसके बाद की घटना और हृदयविदारक है। दूसरा बुजुर्ग साधु जो लहूलुहान है और पास ही गोदामनुमा जगह पर छिप गया था, उसे पुलिसवाला खुद ही निकाल कर बाहर लाता है। बुजुर्ग साधु बुरी तरह कांपते हुआ पुलिसवाले का हाथ पकड़े हुए आगे बढ़ता है। थोड़ा आगे आते ही पुलिसवाले का हाथ पकड़े-पकड़े ही वो हैवान साधु पर डंडे बरसाने शुरू कर देते हैं। पीछे से साधु को लात और डंडे मारते रहते हैं। जैसे ही पुलिसवाला साधु को लेकर खुले में पहुंचता है, हाथों में लाठियां-डंडे लिए हैवान चारों ओर से घेरकर मारना शुरू कर देते हैं। पुलिसवाला भी पीछे हट जाता है और बेबस साधु गाड़ी की ओर भागने का प्रयास करता है, लेकिन वहां पहले से ही खड़े हैवान और लाठियां बरसा रहे हैवान साधु को नीचे गिराकर तब तक लाठियां-डंडे बरसाते रहते हैं, जब कि साधु दम नहीं तोड़ देता। इसके बाद पुलिसवाले लावारिसों की तरह दोनों के शवों को गाड़ी डालकर ले जाते हैं।
मोब लिंचिंग ( mob-lynching) का भयावह यह वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भीषण आक्रोश देखा जा रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि इन साधुओं की जगह अगर किसी दूसरे धर्म के धर्मगुरुओं के साथ ऐसा हो जाता तो पूरी दुनिया में हंगामा मच जाता, लेकिन चूंकि ये साधु हिन्दू थे, इसलिए न किसी लिबरल को चिंता हो रही है, न आमिर खान को डर सता रहा है, न नसीरुद्दीन को माहौल खराब लग रहा है, न स्वरा भास्कर को लोकतंत्र याद आ रहा है, न किसी और भांड को दिख रहा है कि किस तरह समुदाय विशेष के लोगों ने निहत्थे बुजुर्ग साधुओं को पीट-पीटकर मार डाला। लोग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी सवाल उठा रहे हैं कि अपनी कुर्सी बचाने के लालच में वो किस हद तक गिरेंगे?
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने चेतावनी दी कि अगर हत्यारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा। गिरी ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रह्मलीन संत को समाधि देने जाते साधु-संतों पर पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के लोगों ने हमला कर दो साधुओं की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाड़ा परिषद ने अपना विरोध जताया है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेताया कि अगर सरकार ने हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो सभी अखाड़े बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद करेंगे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘पालघर में मॉब लिंचिंग घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की हाई लेवल जांच करवाएं और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।’ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रवक्ता बैजयंत जय पांडा ने भी ट्वीट किया, ‘पालघर में पुलिस के सामने मॉब लिंचिंग की घटना का वीडियो दहला देने वाला है। वह भी तब जब कुछ ही दिन पहले उद्धव सरकार के राज में एक पुलिसकर्मी और डॉक्टर पर हमला हुआ था। मीडिया के एक वर्ग ने इसे ‘संतों के भेष में चोरों’ का मामला बताकर घटना को कमतर दिखाया।’
प्रयागराज में प्रवास कर रहे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रह्मलीन संत को समाधि देने जाते साधु-संतों पर पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के लोगों ने हमला कर हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाड़ा परिषद ने अपना विरोध जता दिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
महंत गिरी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अखाड़ा परिषद हरिद्वार में बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएगी। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेताया कि यदि सरकार ने हत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की तो सभी अखाड़े बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आंदालन का शंखनाद करेंगे। साथ ही उन्होंने भक्तों से लॉकडाउन में ब्रह्मलीन हुए किसी साधु को समाधि देने जाते समय सीमित संख्या में ही जाने की अपील की है।
साधु कल्पवृक्ष गिरी और साधु सुशील गिरी की हत्या – दर्दनाक, दुःखद, अक्षम्य
लॉक डाउन के बावजूद भीड़ आई और पुलिस के सामने मार डाला
ये साधु थे – इनका कोई ह्यूमन राइट नहीं, कोई संवैधानिक संरक्षण नही
कल्पना कीजिए,
अगर ये साधु ना होते?
ये किसी अन्य धर्म के धर्मगुरु होते तो? pic.twitter.com/o1KVXCRcF1— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 19, 2020
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