उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार और प्रशासन द्वारा कई बार कहे जाने के बावजूद अब भी राज्य के कई हिस्सों में जमाती छिपे हुए हैं और इसकी सूचना नहीं दे रहे हैं। सोमवार को प्रयागराज (Prayagraj) में जमातियों के छिपे होने की खबर मिलने पर पुलिस ने देर रात छापेमारी की और 30 लोगों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार लोगों में क्वारंटीन किए गए इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के प्रोफेसर मो. शाहिद ( Prof Mohammed Shahid) व 16 विदेशी जमातियों समेत कुल 30 लोग शामिल हैं। विदेशियों की गिरफ्तारी फॉरेनर्स एक्ट के तहत की गई, जबकि इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रोफेसर मो. शाहिद ( Prof Mohammed Shahid) के खिलाफ जमातियों को गुप्त रूप से शहर में शरण दिलाने के आरोप में और महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के प्रोफेसर मो. शाहिद और 16 विदेशी जमाती समेत 30 लोगों का मंगलवार को मेडिकल चेकअप किया गया। सभी आरोपितों को मेडिकल चेकअप के बाद खुल्दाबाद थाने में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हें कडी सुरक्षा के बीच प्रोफेसर समेत सभी 30 आरोपितों को जेल भेज दिया गया। सोमवार रात इन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था
इससे पहले शाहगंज के काटजू रोड के पास स्थित अब्दुल्लाह मस्जिद मुसाफिरखाने में 31 मार्च को इंडोनेशिया के सात नागरिकों समेत नौ लोग पकड़े गए थे। यह सभी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तब्लीगी जमात के जलसे में शामिल हुए थे।
इसी तरह करेली के हेरा मस्जिद में थाईलैंड के 9 नागरिकों समेत कुल 11 जमाती मिले थे। शाहगंज व करेली थाने में मुकदमा दर्ज कर इन सभी को क्वारंटीन कर दिया गया था।
जमातियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो उनके बारे में पता चला। साथ ही जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि सभी टूरिस्ट वीजा के जरिए भारत आकर धर्म का प्रचार कर रहे थे। उनके वीजा में प्रयागराज आने पर रोक थी, इसके बावजूद वह यहां आकर छिपे थे, जो कि गलत था। इस पर उनके विरुद्ध करेली व शाहगंज थाने में एफआइआर दर्ज हुई थी। इंडोनेशियाई जमातियों के लिए रहने व खाने का इंतजाम इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के प्रोफेसर मो. शाहिद ने किया था। ऐसे में उनका नाम शाहगंज थाने में दर्ज मुकदमे में प्रकाश में आया था।