फरवरी में हुई उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा ( Delhi violence) मामले में जामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष की सोमवार को यूएपीए एक्ट (Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तार छात्र शिफा-उर-रहमान जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी का भी सदस्य है। उसे स्पेशल सेल ने रविवार को हिंसा में हाथ होने के लिए गिरफ्तार किया था, आज उस पर यूएपीए एक्ट लगा है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि उनके पास रहमान के खिलाफ तकनीकी सूबत हैं जो ये साबित करते हैं कि वह भीड़ को उकसाने का काम कर रहा था। रहमान हिंसा प्रभावित इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हुआ है।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने रहमान के मैसेजेस, व्हाट्सएप आदि सब जांचे हैं जिसमें साफ है कि वह हिंसा में संलिप्त था। पुलिस के अनुसार उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां उसे 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
अब तक हिंसा मामले में 10 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इससे पहले जामिया के ही मीरान हैदर और सफूरा जरगर को भी पुलिस दंगा भड़काने के लिए गिरफ्तार कर चुकी है। एक एफआईआर के मुताबित दिल्ली हिंसा एक सांप्रदायिक हिंसा थी जो पहले से बुना गया षड्यंत्र थी और इसे पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद और दो अन्य छात्रों ने रचा था।
शिफा-उर-रहमान (Shifa-Ur-Rehman) को यूएपीए (Unlawful Activities (Prevention) Act) यानि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अनुसार उनके पास कई तकनीकी साक्ष्य हैं जिसके बाद पुलिस ने उसके आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि हमारे पास उनके खिलाफ तकनीकी सबूत थे जो बताते हैं कि उन्होंने दंगों के दौरान भीड़ को उकसाया था। बता दें कि दिल्ली हिंसा 24, 25 फरवरी को हुई थी और इसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और करीब 200 लोग घायल हुए थे।