आगरा (Agra) में कोरोना वायरस का प्रकोप थम नहीं रहा है। बुधवार को संक्रमितों की संख्या में फिर इजाफा हुआ। जांच रिपोर्ट में 29 नए संक्रमित पाए गए। अबतक 432 लोग संक्रमित हो चुके हैं। प्रशासन ने दावा किया है कि 69 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।
देश में अगरा 11वें स्थान पर है। जबकि पहले स्थान पर मुंबई, 10वें पर भोपाल और आगरा (Agra) , के बाद 12वें पर जोधपुर है।उधर, अप्रैल में लगातार 29वें दिन आगरा में संक्रमित मिले हैं। इस दौरान 14 लोगों की जान जा चुकी है।
ताजनगरी में संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मार्च के 31 दिनों में संक्रमित मरीजों का जो आंकड़ा 12 था, वो 29 अप्रैल तक बढ़कर 432 हो गया। यानी 29 दिनों में 420 संक्रमित मिले। इस दौरान औसतन हर दिन 15 मरीज मिले हैं, जो चिंताजनक है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत सेवानिवृत डॉक्टर की मौत के दो दिन बाद बुधवार को कोरोना की पुष्टि हुई है। वहीं, फीरोजाबाद के 51 साल के मरीज की मौत के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस तरह कोरोना संक्रमित 14 की मौत हो चुकी है। शहीद नगर सदर निवासी 64 साल के पीएचसी से सेवानिवृत चिकित्सक को तेज बुखार आने के साथ सांस लेने में परेशानी होने पर 25 अप्रैल को जिला अस्पताल में जांच कराई। यहां सैंपल लेने के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। तबीयत बिगडने पर 26 अप्रैल को एसएन रेफर कर दिया। एसएन में 27 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। मौत होने के बाद प्लास्टिक बैग में शव पैक कर विद्युत शवदाह ग्रह पर अंतिम संस्कार करा दिया गया। अब इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
जिले में कारोबारी से लेकर सब्जी वाले तक संक्रमण की जद में आ रहे हैं। मंगलवार को मिले कोरोना संक्रमितों में सदर क्षेत्र के नौलक्खा निवासी सब्जी विक्रेता चाचा-भतीजा भी शामिल हैं। इनसे पहले पांच सब्जी विक्रेता संक्रमित मिल चुके हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज का एक और वार्ड ब्वॉय भी पॉजिटिव मिला है। वो शाहगंज में जूता मंडी के पास का निवासी है।

एसएन मेडिकल कॉलेज से यह छठा वार्ड ब्वॉय है, जो संक्रमित मिला है। इससे पहले दवा कारोबारी भी संक्रमित मिल चुके हैं। पुलिस महकमे में भी वायरस घुस चुका है। पुलिस लाइन मेस के दो रसोइया संक्रमित मिले हैं। इनके संपर्क में आने वालों को सैंपल लेकर
क्वारंटीन में रखा गया है। कलक्ट्रेट में एसीएम दफ्तर में तैनात एक होमगार्ड भी संक्रमित निकला है।
शहर में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर्स के हाल सुधरने का नाम नहीं ले रहा। नोडल आफीसर आलोक कुमार के फटकार लगाने के बावजूद लगातार यहां व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन्हीं अव्यवस्थाओं के चलते बुधवार सुबह टूंडला के एफएच मेडिकल कॉलेज में बनाए गए सेंटर पर 59 वर्षीय रेलवे कर्मचारी ने खुदकशी कर ली है। इस खुदकशी ने पूरे सिस्टम पर बड़ा सवाल लगा दिया है। सीधे तौर पर यहां हालातों में सुधार कराए जाने की जरूरत है।
कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर जो लोग क्वारंटाइन सेंटर्स में भेजे जा रहे हैं। वहां उन्हें उपचार तो मिल नहीं रहा, अलबत्ता संक्रमण बढ़ने के आसार ज्यादा है। अग्रवाल सेवा सदन और बीएएमएस के जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें सीधे तौर पर अव्यवस्थाओं की भरमार है। न भोजन है न पानी, सफाई का कोई बंदोबस्त नहीं। दवाई देने वाला कोई नहीं। कैदियों की तरह लोग भर दिए गए हैं बस। इलाज के नाम पर लोग एक टेबलेट तक न दिए जाने की शिकायत कर रहे हैं। जिसमें मामूली लक्षण हैं, उसमें संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलने के आसार हैं। एक माह बीतने के बाद भी शहर में व्यवस्थाएं सुचारू न होने से अब सिस्टम पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। जनप्रतिनिधियों ने तो आगरा मॉडल को लेकर आलोचना कर ही दी, अब आम जनता भी मुखर हो उठी है।