आगरा में कोरोना वायरस का प्रकोप है वहीं में संवेदनहीन व्यवस्था लोंगो जान ले रही है। आगरा ( AGRA,) में निजी अस्पताल, निजी डाक्टर इलाज नहीं कर रहे सरकारी अस्पताल कोराना मरीजो के अलावा दूसरे मरीजों देखने को तैयार नही है ।सामान्य रोगियों को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जिला प्रशासन आगरा माॅडल ( AgraModel) में इस स्थिति से निपटने के लिये 1 माह में भी कुछ तैयारी कर सका । हालात पिछले 8 दिन से ऐसे है कि इलाज के अभाव में आठ लोगों की जिंदगी खत्म हो चुकी है ।
आज एक और मासूम ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया, बुधवार को उपचार न मिलने के कारण छह माह के एक बच्चे की मौत हो गई। परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिवारीजनों ने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाए हैं।थाना रकाबगंज छीपीटोला, तेलीपाड़ा निवासी छह माह के बच्चे की बुधवार सुबह मौत हो गई। परिवारीजनों का कहना है कि तीन-चार अस्पतालों में बच्चे को लेकर घूमे लेकिन चिकित्सकों ने उसका इलाज नहीं किया।मां अफसाना गौरी की गोद पलक झपकते उजड़ गई। आठ महीने का हमजा एक घंटे पहले तक मां और पिता के साथ खेल रहा था। कुछ घंटे में ही उनकी आंखों के सामने नन्हीं सी जान ने दम तोड़ दिया।
गौरतलब है कि इलाज न मिलने पर इससे पहले 7 मौतों के मामले सामने आ चुके हैं। बता दें कि बल्केश्वर के भगवान नगर निवासी 55 वर्षीय कपड़ा व्यवसायी मुकेश गोयल पुत्र स्व. ओम प्रकाश गोयल मधुमेह से पीड़ित थे। उनके बेटे निखिल ने बताया कि मंगलवार रात 2 बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई थी।
सुबह छह बजे से उन्हें लेकर इलाज के लिए अस्पतालों का दरवाजा खटखटाते रहे। पहले पिता को लेकर कमला नगर के चार अस्पतालों में गए। वहां किसी ने भर्ती नहीं किया। फिर पुष्पांजलि हॉस्पिटल, वहां से रेनबो। दो घंटे गंभीर हालत में पिता को लेकर इलाज के भटकता रहा, लेकिन सब कोविड टेस्ट कराया या नहीं पूछते रहे। किसी ने इलाज नहीं किया।
निखिल ने बताया, मैं सुबह साढ़े आठ बजे कोविड टेस्ट के लिए जिला अस्पताल पहुंचा। वहां पांच घंटे तक पिता बेहोशी की हालत में पड़े रहे। दोपहर 2 बजे कोविड सैंपल लिया। वहां भी भर्ती नहीं किया। एसएन लाया, तो इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया। वहां से घड़ी वाली बिल्डिंग भेज दिया। मैं सबसे ऑक्सीजन सिलेंडर मांगता रहा। इलाज तो दूर, किसी छुआ तक नहीं। मेरी आंखों के सामने पिता ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।मेरे पिता की मौत के लिए प्रशासन व चिकित्सक जम्मेदार हैं। अगर मेरे पिता ऑक्सीजन मिल जाती, तो उनकी मृत्यु नहीं होती।
मुकेश गोयल से पहले आठ दिन में 6 मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। 1. सिकंदरा निवासी सेवानिवृत्त अधिकारी की डायलिसिस नहीं होने से मौत हुई।2. टेढ़ी बगिया निवासी युवक दादा के इलाज के लिए भटकता रहा। दादा ने बाद में दम तोड़ दिया।3. ट्रांस यमुना स्थित अस्पताल में महिला की इलाज नहीं मिलने से जान गई।4. अर्जुन नगर स्थित एक अस्पताल में प्रसूता को भर्ती नहीं करने पर उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।5. छीपीटोला के औलिया रोड निवासी जूता कारीगर लाखन के 12 वर्षीय बेटे की मौत हुई थी। उसे भी इलाज नहीं मिला।6.विवेक छाबड़ा( 42 ) शहजादी मंडी की इलाज के अभाव में शनिवार को मौत हो गयी ।
प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, उ0प्र0/आगरा के नोडल अधिकारी श्री आलोक कुमार ने कहा है कि आमजन के इलाज के लिये बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। इलाज में किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जायेगी। किसी के द्वारा लापरवाही बरतने की शिकायत आने पर उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि आमजन को मरीज को अस्पताल तक पहुॅचाने या किसी भी प्रकार की कठिनाई आती है तो वे हेल्पलाइन नम्बर- 0562-2854398 एवं 102 व 108 पर भी कॉल कर अपनी समस्या का तत्काल समाधान पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में भी हो सकेंगा।
जिला मजिस्ट्रेट श्री प्रभु एन0 सिंह ने बल्केश्वर के भगवान नगर निवासी 55 वर्षीय कपड़ा व्यवसायी मुकेश गोयल पुत्र स्व0 ओमप्रकाश गोयल को इलाज न मिलने पर हुई मृत्यु का तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी जे0 रीभा एवं ए0सी0एम0ओ0 श्री विरेन्द्र भारती को जॉच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, जिससे जिम्मेदारी निर्धारित की जा सकें।