Friday, September 20, 2024

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विधिविधान से खुले #केदारनाथ धाम के कपाट, लेकिन भक्तों के लिये लाॅकडाउन

देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सर्वोच्च माने जाने वाला केदारनाथ मंदिर( Kedarnath Temple) के आज प्रातः कपाट भक्तों के दर्शानार्थ खुल गये। आज सुबह मेष लग्न में भगवान   के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। इसके बाद अगले छह महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के समय पूजा में पुजारी समेत सिर्फ 16 लोग ही शामिल हुए। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा गया।
तड़के तीन बजे से मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना हुई। मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा बाबा की समाधि पूजा के साथ अन्य सभी धार्मिक औपचारिकताएं पूरी की गईं। इसके बाद तय समय पर सुबह 6.10 बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए।

केदारनाथ यात्रा के इतिहास में यह पहला मौका है जब मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर परिसर पूरी तरह खाली रहा। इस बार हजारों भक्तों की बम-बम भोले के जयघोषों की गूंजों की कमी खली। ऐसा पूर्व में कभी नहीं देखा गया कि जब बाबा केदार के कपाट खुल रहे हों और भक्तों की किसी तरह कमी देखी गई हो।

विश्व के साथ ही देश में महामारी से माहौल भयभीत है। देश लॉकडाउन (   में है, ऐसे में सभी धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन काफी सहज तरीके से किया जा रहा है ताकि लॉकडाउन के पालन के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। भीड़ भाड़ न हो, इसको देखते हुए सरकार और प्रशासन ने केदारनाथ में सामान्य तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भगवान केदारनाथ के कपाट खोले जाने पर सभी श्रद्धालुओं को बधाई देते हुए कहा कि बाबा केदार हम सभी पर अपनी कृपा बनाकर रखें। बाबा केदार के आशीर्वाद से हम कोरोना की इस वैश्विक महामारी को हराने में अवश्य कामयाब होंगे। कोरोना के कारण इस बार आम जन दर्शन के लिये नहीं आ सके। हम सभी के मन में बाबा केदार के लिए अपार श्रद्धा है। बाबा केदार, अपने भक्तों पर स्नेह बनाये रखें, यही कामना है।

धाम के कपाट खुलने के दौरान पिछले वर्षों की भांति सेना का बैंड शामिल नहीं हुआ। बेहद सादगी पूर्वक मंदिर के कपाट खुले।बताया कि केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग ऊखीमठ में चौदह दिनों की क्वारंटीन में हैं। उनके प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट खुलने की संपूर्ण प्रक्रियाओं का निर्वहन किया।केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के चार में से तीन धामों के कपाट खुल गये हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल चुके हैं। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।

देवस्थानम बोर्ड के कार्यधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि संगम से मंदिर परिसर तक बर्फ को काटकर चार फीट से अधिक चौड़ा रास्ता बनाया गया है।

केदारनाथ धाम के कपाट बुधवार को खुल गए हैं। धाम को सुंदर फूलों से सजाया गया है। इस काम को अंजाम दिया है तीर्थनगरी के सतीश कालड़ा ने।सतीश ने बताया कि मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है। प्रतिवर्ष वह बदरीनाथ मंदिर को भी सजाने का कार्य करते हैं।केदारनाथ मंदिर को सजाने का सौभाग्य उन्हें पहली बार मिला है। इधर, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि कोरोना की गंभीरता को देखते हुए सीमित संख्या में बोर्ड कर्मियों, हकूकधारी तीर्थ पुरोहितों एवं प्रशासन के लोगों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई है।

देवस्थानम बोर्ड को केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन के लिए कोरोना संक्रमण से पूर्व दस लाख की ऑनलाइन बुकिंग मिल चुकी थी। ये सभी बुकिंग महाभिषेक पूजा व रुद्राभिषेक पूजा की थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण श्रद्धालु धाम नहीं जा पाएंगे। बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि ऑनलाइन जितनी बुकिंग मिली है, उनकी पूजा कर प्रसाद डाक से भेजा जाएगा।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन ने इस वर्ष केदारनाथ यात्रा को परंपराओं तक समेटकर रख दिया है। रुद्रप्रयाग से लेकर केदारघाटी के बाजारों और धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। कारोबार पूरी तरह से चौपट हो चुका है।

यात्रा में फूल, पूजा-सामग्री, चाय की दुकान, ढाबा, होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला/लॉज, भोजनालय, पानी/जूस, पार्किंग, पंचर, प्रसाद आदि से लाखों-करोड़ों का कारोबार होता आया है, लेकिन इस बार केदारनाथ धाम में प्रशासन, पुलिस और देवस्थानम बोर्ड के 35 लोग मौजूद हैं।

#KedarnathDham 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels