पंजाब पुलिस (Punjab Police) के एसआई हरजीत सिंह (SI Harjeet Singh) को 18 दिन बाद गुरुवार को चंडीगढ़ पीजीआई से छुट्टी दे दी गई। वह अब ठीक हैं। पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ( Punjab DGP Dinkar Gupta) खुद हरजीत को डिस्चार्ज कराने पहुंचे थे। उन्होंने हरजीत का हौसला बढ़ाया। वहीं, पीजीआई के प्रोफ़ेसर सुनील गाबा ने बताया कि हरजीत अब बिल्कुल ठीक है। उनकी उंगलियां भी चल रही हैं। हाथ में ब्लड का फ्लो और ऑक्सीजन सैचुरेशन भी ठीक हो गया है। ऐसे में अब उन्हें दो-तीन दिन बाद जांच के लिए बुलाया गया है। हालांकि, यह सिलसिला अभी 2 से 3 महीने तक चलेगा। डिस्चार्ज होने के दौरान हरजीत ने डॉक्टरों की टीम को सैल्यूट किया।
एसआई हरजीत सिंह(SI Harjeet Singh) के लिए गुरुवार का दिन बड़ी खुशखबरी लेकर आया। उनके बेटे अर्शप्रीत सिंह को कांस्टेबल बना दिया गया है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने खुद पिता को बेटे का नियुक्ति पत्र सौंपा। इस दौरान हरजीत सिंह की खुशी देखते ही बनती थी। वह भावुक हो गए और इस तोहफे लिए पंजाब पुलिस और सरकार का आभार जताया। वहीं, डीजीपी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अर्शप्रीत भी अपने पिता की तरह जिंदादिली, वफादारी और बहादुरी से जनसेवा करेगा।वहीं, हरजीत सिंह को उनकी बहादुरी के लिए सब इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत किया गया।
बता दें कि पटियाला में सन्नौर रोड पर स्थित मंडी में ड्यूटी के दौरान एसआई हरजीत सिंह पर कुछ निहंगों ने हमला कर दिया था। निहंगों ने हरजीत सिंह का एक हाथ तलवार से काट दिया था। जिसके चलते उन्हें इलाज के लिए पीजीआई में भर्ती किया गया था। यहां डॉक्टरों ने घंटों की सर्जरी के बाद उनका हाथ जोड़ दिया था। अब उनके हाथ में मूवमेंट शुरू हो गई है, इसलिए उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।
हरजीत सिंह के डिस्चार्ज होने की खबर मिलते ही पंजाब के मुख्यमंत्री(Punjab Chief Minister ) कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया। इसमें उन्होंने हरजीत सिंह के डिस्चार्ज होने की जानकारी दी और पीजीआई के डॉक्टरों, नर्सों व पूरे स्टाफ का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य को हरजीत सिंह पर गर्व है। एसआई का हौसला बढ़ाते हुए कैप्टन ने अपने एक साथी का तजुर्बा साझा किया, जिसने अपना हाथ गंवा लिया था। उनके साथी को भी इसी तरह की सर्जरी से गुजरना पड़ा था और वह अब पूरी तरह से ठीक हैं।
Happy to share that SI Harjeet Singh has been discharged from PGI, Chandigarh today. I thank Doctors, Nurses, Paramedics & all the staff of PGI for taking good care of him. Before getting discharged, he was handed over his son’s appointment letter with Punjab Police. pic.twitter.com/E2DnnvYIh8
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) April 30, 2020
https://platform.twitter.com/widgets.js
यह फैसला डीजीपी दिनकर गुप्ता ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चर्चा करने के बाद लिया था। इसके अलावा मंडी बोर्ड के यादविंदर सिंह, जो मार्केट कमेटी पटियाला में एआर के तौर पर तैनात हैं और पुलिस कर्मचारी भी नहीं हैं, को भी डीजीपी ने पुलिस और मंडी बोर्ड की साझी टीम के हिस्से के तौर पर मान्यता देते हुए डीजीपी कॉमेंडेशन डिस्क से सम्मानित किया है।
12 अप्रैल को उन्होंने भी निहंगों का बहादुरी से सामना किया था। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि सभी मुलाजिमों को उनकी बहादुरी के लिए तरक्की व पुरस्कार दिए गए हैं। एएसआई हरजीत सिंह का नाम सूची डी-2 में शामिल करने की भी मंजूरी दी गई है। यह तरक्की के लिए बनाए गए नियमों के तहत किया गया है।