कानपुर (Kanpur ) में आजादी के बाद देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब दिल्ली-हावड़ा रूट के कानपुर सेंट्रल स्टेशन (Kanpur Central station) के कर्मचारी सवारी ट्रेनों की सीटी सुनने के लिए तरस रहे हों। हों भी क्यों न, जब देश जानलेवा कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ रहा है और इस लड़ाई को जीतने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में सभी सवारी ट्रेनों का परिचालन बंद चल रहा है। हालांकि श्रमिक दिवस पर कुछ ट्रेनें चलाई गईं और इसी के चलते 37 दिन बाद शनिवार को एक बार फिर पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train) की सीटी कानपुर सेंट्रल स्टेशन (Kanpur Central station) पर बजी।
जब अहमदाबाद ( Ahmedabad ) में फंसे 1200 मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन रविवार सुबह 9:10 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन (Kanpur Central station) के प्लेटफार्म नं बर 9 पर पहुंची।ट्रेन से करीब 1200 प्रवासी श्रमिक ( Migrant Labourers ) उतरे। यह सभी उन्नाव, कानपुर देहात, जालौन, झांसी, फतेहपुर आदि जिलों के रहने वाले हैं।स्टेशन पर उतरने के बाद मजदूरों के चेहरे खुशी से चमक उठे। प्लेटफार्म पर मौजूद मेडिकल टीम ने उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य परीक्षण किया।
जीआरपी और आरपीएफ फोर्स के समेत अन्य थानों का फोर्स के साथ प्रशासनिक अफसर मौजूद रहे। उन्होंने कोच से शारिरिक दूरी का पालन कराते हुए सभी को उतारा और फिर सभी के नाम पते नोट करने के बाद सभी को सिटी साइड पैसिंजर हाल में ले जाया गया। यहां पर बने आठ काउंटरों पर सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद सभी को सेंट्रल के बाहर जिलावार लाइन से खड़ा किया गया। सिटी साइड पार्किंग में 40 रोडवेज बसें खड़ी थीं, जिसमें जिलावार सभी बिठाकर घर भेजने की व्यवस्था की गई।
प्लेटफार्म पर पीछे के कोच से उतरे यात्रियों को सीढ़ियों के रास्ते और आगे के कोच से उतरे लोगों को सुरंग के रास्ते से पैसेंजर हाल पहुंचाया गया।रेलवे और जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए पानी की बोतलें मुहैया कराई गई। वहीं कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने यात्रियों को भोजन वितरण किया।यात्रियों ने बताया अहमदाबाद से कानपुर आने के लिए उन लोगों से सामान्य श्रेणी का रेलवे ने किराया लेकर टिकट दिया। जिसके बाद वह लोग शहर आ सके।