Monday, April 21, 2025

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इंडियन आर्मी के ‘टाइगर’ कर्नल आशुतोष शर्मा को अंतिम विदाई, नम आंखों से पत्नी ने किया सैल्यूट

  के  में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा    की पार्थिव देह मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। जयपुर   में उन्हें पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। भारत माता की जय के नारों और सेना के हवाई फायर  की सलामी के बीच शहीद के भाई पीयूष शर्मा और पत्नी पल्लवी शर्मा ने कर्नल आशुतोष की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के समय उनकी बेटी तमन्ना भी मौजूद रही।

शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा  वैसे तो   में बुलंदशहर के रहने वाले है, लेकिन उनका परिवार पिछले 15 वर्ष से जयपुर में रहता है। इसी के चलते उनकी पार्थिव देह सोमवार को जयपुर लाई गई थी। इसे सेना अस्पताल में रखा गया था। मंगलवार सुबह जयपुर में सैन्य क्षेत्र स्थित 61 कैवलरी आर्मी पोलो ग्राउंड में उनकी पार्थिव देह लाई गई।

यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड,  और सेना तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकरियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद कर्नल को श्रद्धांजली दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां पहुंच कर परिजनों से बात की और कर्नल की माताजी के चरण छू कर आशीर्वाद लिया और ढांढस बंधाया।

भारत माता की जय और कर्नल आशुतोष अमर रहे के नारों के साथ सेना के जवानों ने हवाई फायर कर उन्हें अंतिम सलामी दी और कर्नल के भाई पीयूष शर्मा ने मुखाग्नि दी। इस दौरान पत्नी पल्लवी शर्मा भी उनके साथ रहीं। पल्लवी का कहना था कि उनके पति टाइगर की तरह रहे और टाइगर की तरह ही विदा हुए। उन्होंने देश के प्रति जिम्मेदारी निभाई। ऐसे में उनके जाने पर दुख व्यक्त करने का हमें कोई अधिकार नहीं है।

21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल आशुतोष अपने आतंक रोधी अभियानों में साहस और वीरता के लिए दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। इतना ही नहीं, शहीद आशुतोष कर्नल रैंक के ऐसे पहले कमांडिंग अफसर थे, जिन्होंने पिछले पांच साल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवाई हो। इससे पहले साल 2015 के जनवरी में कश्मीर घाटी में आतंकियों से लोहा लेने के दौरान कर्नल एमएन राय शहीद हो गए थे। इसके अलावा, उसी साल नवंबर में कर्नल संतोष महादिक भी आतंकियों के खिलाफ अभियान में शहीद हो गए थे।

आतंकियों के लिए खौफ का दूसरा नाम थे कर्नल आशुतोष शर्मा । सेना के अधिकारियों के मुताबिक, कर्नल आशुतोष शर्मा काफी लंबे समय से गार्ड रेजिमेंट में रहकर घाटी में तैनात थे और वह आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी के लिए दो बार सेना मेडल से सम्मानित किए जा चुके हैं। आतंकियों को सबक सिखाने के लिए वह जाने जाते थे। अधिकारियों के मुताबिक, शहीद आशुतोष शर्मा को कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर अपने कपड़ों में ग्रेनेड छिपाए हुए आतंकी से अपने जवानों की जिंदगी बचाने के लिए वीरता मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। दरअसल, जब एक आतंकी उनके जवानों की ओर अपने कपड़ों में ग्रेनेड लेकर बढ़ रहा था, तब शर्मा ने बहादुरी का परिचय दिया था और आतंकी को काफी नजदीक से गोली मारकर अपने जवानों की जान बचाई थी। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान भी शामिल थे।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels