Friday, September 20, 2024

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मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी रियाज नायकू की सुरंग ही बनी उसकी मौत का रास्ता

  का मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी  (  और हिज्बुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर रियाज नायकू (riyaz naikoo) पुलवामा जिले के बेगपोरा में सुरक्षाबलों के साथ हुए एनकाउंटर (Riyaz Naikoo Encounter) मारा गया है। आतंकी रियाज नायकू A++ कैटिगरी का आतंकी था। सेना को उसकी लंबे समय से तलाश थी और उसके ऊपर सेना ने 12 लाख रुपये का इनाम भी रखा था। सेना ने उसे ढेर करने के लिए खास प्लान बनाया। रियाज नायकू बहुत ही शातिर आतंकी था। बताया जा रहा है कि उसने अपने घर तक जाने-आने के लिए सुरंगे बना रखी थीं। इस बात की सूचना बहुत ही गिने-चुने लोगों को थी क्योंकि वह किसी पर भरोसा नहीं करता था। सेना ने विस्फोटक से वह घर उड़ा दिया और जो सुरंग उसने जान बचाने के लिए खोदी थी उसी में उसकी कब्र बन गई।

जम्मू-कश्मीर ( )   के बेगपुरा में मारा गया हिजबुल कमांडर रियाज अहमद नायकू (riyaz naikoo) बेहद शातिर था। वह एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए सड़क मार्ग का कम ही उपयोग करता था। इतना ही नहीं घर पहुंचने के लिए उसने एक सुरंग बना रखी थी। कल यानी कि मंगलवार रात इलाके में उसकी मौजूदगी की सूचना मिलते ही सेना ने सबसे पहले उस सुरंग को खंगालना शुरू किया। खुद को शातिर समझने वाला आतंकी शायद ये भूल गया था कि यही सुरंग उसकी मौत का रास्ता तैयार करेगी।

सेना इस मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी इसलिए मारे जाने के बाद भी रियाज की पहचान को लेकर पूरी आश्वस्त होना चाहते थे। इसलिए साढ़े पांच घंटे तक उसके पहचान करने में लगाए गए। सबसे पहले उसके शरीर के निशानों को देखा गया, फिर पुलिस ने, उसके बाद सीआरपीएफ ने, फिर सेना ने, उसके बाद आईबी ने और अंत में स्थानीय लोगों से उसकी पहचान कराई गई। उसके बाद रियाज के मारे जाने की सूचना बाहर आई।

सुबह 2 बजे एरिया की घेराबंदी की गई और आसपास के घरों से सभी सिविलियंस को सुरक्षित बाहर निकाला गया। कोई सिविलियन इसमें घायल नहीं हुआ। आतंकियों से मुठभेड़(Riyaz Naikoo Encounter) सुबह 9.30 बजे शुरू हुई। चार घंटे तक लगातार फायर फाइट के बाद रियाज नायकू मारा गया। बेगपोरो में नायकू के साथ एक और आतंकी था, उसे भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया। दो एके-47 और गोलाबारूद बरामद हुआ है।

नायकू ने कई सुरक्षाकर्मियों के परिजनों का अपहरण किया और करवाया था। घाटी के कई युवाओं को गुमराह करके उसने उन्हें आतंकी भी बनाया था। घाटी में किसी आतंकी के मारे जाने पर उसे बंदूकों से सलामी देने का चलन भी रियाज नायकू ने शुरू किया था। आज उसके मारे जाने के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी वैद ने कहा कि वह कई पुलिसकर्मियों के अपहरण और हत्या के लिए जिम्मेदार था।

रियाज अहमद नायकू घाटी का सबसे वांछित आतंकी था। मुठभेड़ में यासीन इट्टू की मौत के बाद से इसने कमान संभाली थी। दिसंबर 2012 में हिजबुल में शामिल हुआ और महज पांच सालों में संगठन के प्रमुख बन गया। वह तकनीक में महारत रखता था। एक आतंकी के जनाजे में शामिल होने के बाद उसने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को समर्थन देने की बात कही थी।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels