अलीगढ़ ( Aligarh) के बेसिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने ऐसा कदम उठा लिया कि हजारों स्कूली बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई। लॉकडाउन व रेड जोन के बावजूद जवां, इगलास और बिजौली क्षेत्र के कक्षा एक से आठ तक के सभी सरकारी स्कूल खुलवा दिए। बच्चों को कक्षा में पास-पास बैठा दिया गया। मामले में सिर्फ स्पष्टीकरण तलब करने की औपचारिकता की गई है।
दरअसल शासनादेश के अनुसार सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने हैं।अलीगढ़ ( Aligarh) के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) खैर केसी पांडेय ने बुधवार को मिशन प्रेरणा के वॉट्सऐप ग्रुप पर स्कूल खोलने के लिए संदेश प्रसारित किया। इसमें रेमीडियल कक्षाएं चलाने के लिए गुरुवार को स्कूल खोलने को कहा। संदेश में यह भी लिखा कि छात्र-छात्राओं को मास्क पहनाकर व शारीरिक दूरी बनाकर बैठाया जाएगा। एक अध्यापक व एक शिक्षामित्र शिक्षण कार्य कराएंगे। इस पर जवां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर का स्कूल में कक्षाएं चलीं। इसी तरह बिजौली व इगलास में भी कक्षाएं चलीं।बिजौली में पेड़ के नीचे बच्चों को सटाकर बैठाया गया, कहीं भी सामाजिक के नियम का पालन नहीं किया गया। इसके बाद एक और गड़बड़ी की कि अब अगले दिनों में कहां कक्षाएं संचालित होनी हैं? इसका संदेश भी डाला है।
अलीगढ़ ( Aligarh) के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर लक्ष्मी कांत पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कुछ स्कूल कन्फ्यूजन के चलते खोले गए हैं। सभी को मना करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि किसी भी तरह से लॉक डाउन के दौरान शिक्षण के लिए स्कूलों को नहीं खोला जाएगा। बीएसए ने कहा कि एक आदेश किया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय शिक्षक-शिक्षामित्र स्वेच्छा से और सुरक्षा के दायरे में ऐसे बच्चों के घर जाकर कुछ शिक्षण करा दें, जो ऑनलाइन शिक्षा से बिल्कुल दूर हैं। जवां, इगलास और बिजौली में खोले गए स्कूल प्रधानाचार्य और खंड शिक्षा अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है की किस के निर्देशों से लॉक डाउन के दौरान स्कूल खोले गए। बीईओ केसी पांडेय से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है कि किसके आदेशों पर स्कूल खोलने को कहा। इस मामले में जांच और स्पष्टीकरण आने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।