शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे ( Aurangabad Train Accident) में मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) के मरने वाले प्रवासी मजदूरों के शव विशेष ट्रेन से जबलपुर लाए गए। यहां पर महाराष्ट्र से आए करीब 1145 मजदूरों को उतारने के बाद श्रमिकों के शवों को दो बोगियों की ट्रेन सीधे उमरिया और शहडोल (Shahdol) के लिए रवाना कर दी गई है। मजदूरों का उनके गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा। औरंगाबाद रेल हादसे में मध्य प्रदेश के 16 प्रवासी मजदूर ( Migrant Labourers ) मारे गए थे। ये सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। इनमें से 11 शहडोल(Shahdol) और 5 उमरिया के निवासी हैं।
हादसे का शिकार हुए मजदूरों के शव लेकर ट्रेन शनिवार को सुबह करीब 11.30 बजे जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंचीं। पहले उनके शव जबलपुर में उतारकर बसों से शहडोल (Shahdol) और उमरिया भेजा जाना था, लेकिन बाद में प्लान बदल दिया गया। चूंकि शहडोल और उमरिया दोनों रेलवे के एक ही रूट पर हैं, ऐसे में शवों को ट्रेन से ही रवाना कर दिया गया है। शहडोल के अंतौली गांव में एक साथ 11 लोगों की चिताएं एक साथ जलेंगी। मृतक आपस में चार चचेरे भाई, चाचा-भतीजा समेत 9 लोग सगे-संबंधी हैं। यह लोग एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे।
मजदूरों को लेने के लिए मध्यप्रदेश से शुक्रवार को विशेष दल भेजा गया था। इसमें मंत्री मीना सिंह और अपर मुख्य सचिव आईपीसी केसरी भी पहुंचे थे। मध्य प्रदेश सरकार ने घायल व्यक्तियों की सहायता के लिए एक-एक लाख रुपए और मृतक श्रमिकों के परिजनों को 5-5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस दु:खद घड़ी में शोकाकुल परिवार स्वयं को अकेला नहीं समझे, मैं और मेरी पूरी सरकार आपके साथ खड़ी है।
औरंगाबाद हादसे में मारे गए मजदूरों के शवों को लेकर ट्रेन शहडोल(Shahdol) पहुंच चुकी है और श्रमिकों के शव एंबुलेंस से गांव पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 में सांसद हिमाद्री सिंह, विधायक जयसिंह मरावी, एडीजी, एसपी, कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद हैं।