महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) बृहस्पतिवार को राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे की मुश्किलें भी खत्म हो चुकी हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) मंगलवार या बुधवार को एमएलसी पद की शपथ लेंगे। उधर, उद्धव ठाकरे के अलावा आठ अन्य उम्मीदवारों को भी राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के अलावा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड (सभी भाजपा) को भी निर्वाचित घोषित किया गया है। निर्वाचित होने वाले उम्मीदवारों में राकांपा के शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़ शामिल हैं। ये सभी उम्मीदवार विधान परिषद की उन नौ सीटों के लिए मैदान में थे जो 24 अप्रैल को खाली हुयी थीं। एक अधिकारी ने कहा कि वे सभी निर्विरोध चुने गए।
उन्होंने बताया कि नामांकन वापस लेने की समय सीमा दोपहर तीन बजे समाप्त हो जाने के बाद परिणाम आधिकारिक रूप से घोषित किए गए। इस चुनाव के साथ 59 वर्षीय ठाकरे पहली बार विधायक बने हैं। वह शिवसेना (Shiv Sena) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उन्हें 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था।
पहली बार एमएलसी चुने गए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के पास 143 करोड़ 26 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति है। इसके अलावा उद्धव ठाकरे पर 15 करोड़ 50 हजार रुपये की देनदारी भी है। उनके खिलाफ 23 मामले दर्ज हैं और उद्धव दो बंगलों के मालिक हैं लेकिन उनके पास एक भी कार नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग को बीते सोमवार को दिए चुनाव हलफनामे में ठाकरे ने अपनी संपत्ति और आय के स्रोतों के बारे में बताया था। हलफनामे के मुताबिक, उनकी पत्नी रश्मि की आमदनी विभिन्न कारोबारों से होती है। उनकी आमदनी 65.9 करोड़ रुपए की और चल-अचल संपत्ति है। वह उद्धव ठाकरेके मुखपत्र ‘सामना’ की संपादक भी हैं। ठाकरे ने अपने हलफनामे में बताया था कि उनके पास कोई कार नहीं है।