Friday, September 20, 2024

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कोरोनावायरस से घमासान जंग के बीच,अब चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से निपटने के लिये प्रधानमंत्री मोदी ने संभाली कमान 

( )  से घमासान जंग के बीच अब चक्रवाती तूफान अम्फान(Cyclone Amphan ) से निपटने के लिये भी     ने कमान संभाल ली है।

देश में एक और चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ दस्तक दे चुका है। चक्रवाती तूफान अम्फान (Cyclone Amphan ) ने सोमवार को बेहद विकराल रूप ले लिया और इसके चलते अब ओडिशा के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी बारिश हो सकती है। इस चेतावनी के बाद राज्य सरकार 11 लाख लोगों को इन इलाकों से निकालने की तैयारी में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम चार बजे इसे लेकर उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( ) ने गृह मंत्रालय और एनडीआरएफ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि एनडीआरएफ की 25 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 12 टीमों को तैयार रखा गया है।  भी रहे मौजूद।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि इस तूफान अम्फान(Cyclone Amphan )  की गति 200 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा हो सकती है। कई मायनों में यह तूफान साल 2014 में आए ‘हुदहुद’ तूफान से काफी भयावह और विध्वंसक हो सकता है। 2014 में ‘हुदहुद’ ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे तटीय राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश समेत कई मैदानी राज्यों में भी

‘हुदहुद’ तूफान के वक्त आईएमडी की चेतावनियों पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने जमकर तैयारियां की थीं। लगभग 300 से ज्यादा राहत शिविर बनाए गए थे और तीन लाख से ज्यादा लोगों को कैंपों में शिफ्ट किया गया था। यही कारण था कि मौत के आंकड़ों को काफी कम संख्या पर सीमित किया जा सका। हालांकि, सरकारी और निजी संपत्तियों का काफी नुकसान हुआ था।

तूफान अम्फान(Cyclone Amphan )  की भयावह रफ्तार, तेज बारिश और अन्य प्राकृतिक घटनाएं विनाश का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा बारिश और तूफान के बाद पैदा होने वाली भुखमरी, विस्थापन और कोरोना जैसी समस्या इस बार काफी समस्या पैदा कर सकती है। ‘हुदहुद’ या अन्य तूफानों के वक्त भारत को सिर्फ तूफान से ही लड़ना था। इस बार कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे भारत के लिए यह तूफान दोहरी मुश्किल पैदा कर रहा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह तूफान ‘हुदहुद’ ही नहीं अब तक के बाकी तूफानों से भी भयावह हो सकता है।

तेज बारिश के कारण किसानों की फसलों, फसल की तैयारियों और तैयार फसलों पर भी काफी असर पड़ेगा। देश के कई हिस्सों में किसान धान की फसल की तैयारी शुरू कर रहे हैं। बारिश के चलते कहीं फसल की तैयारी आसान भी हो सकती है तो कहीं तैयारियां काफी पिछड़ सकती हैं। तूफान में किसानों का भी अच्छा-खासा नुकसान होने की आशंका है।

यही कारण है कि तटीय राज्यों में समुद्री तट पर रहने वाले लोगों को हटाया जा रहा है। पिछले कई दिनों से तैयारियां जारी हैं। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे तटीय राज्यों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूरे हालात पर खुद नजर रख रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी काफी सक्रिय है और राज्यों को तैयारी के लिए हर संभव मदद की जा रही है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels