उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, (Priyanka Gandhi Vadra) के घर लौटने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों ( Migrant Labourers ) को लिए एक हजार बस देने के प्रस्ताव ( proposal to deploy 1000 buses for migrants ) को मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह ), अवनीश अवस्थी (Awanish Awasthi) ने प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर बिना किसी देरी के एक हजार बसों और ड्राइवरों का विवरण मांगा है।
इस संबंध में सरकार के अपर मुख्य सचिव ने प्रियंका गांधी( Priyanka Gandhi Vadra ) को चिट्ठी लिखते हुए सरकार की सहमति की जानकारी दी है। सोमवार को यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी (Awanish Awasthi) ने प्रियंका को चिट्ठी लिखकर बताया है कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों के संबंध में उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि प्रियंका अविलंब 1000 बसों की सूची और उनके चालक/परिचालक की डिटेल्स को सरकार को उपलब्ध कराएं, जिससे कि इनका उपयोग प्रवासी मजदूरों के लिए हो सके। इस चिट्ठी से कुछ वक्त पहले ही प्रियंका गांधी ( Priyanka Gandhi Vadra ) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर यह आरोप लगाया था कि वह बसों की व्यवस्था करने की उनकी पेशकश को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
इससे पहले 16 मई को प्रियंका गांधी ने कांग्रेस पार्टी की ओर से योगी सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा था कि पलायन कर रहे मजदूरों के लिए सरकार की ओर से घर पहुंचाने की कोई खास व्यवस्था नहीं हो सकी है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर से 500-500 बसों को चलाना चाहती है। इन बसों का पूरा खर्च कांग्रेस पार्टी वहन करेगी। ऐसे में कांग्रेस बसों के परिचालन के लिए सरकार की अनुमति चाहती है।
इस चिट्ठी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी योगी सरकार पर यह आरोप लगा रही थी कि प्रवासी मजदूरों ( Migrant Labourers ) की तमाम परेशानियों के बावजूद यूपी की राज्य सरकार बसों के परिचालन की अनुमति नहीं दे रही है। वहीं सोमवार को ही ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रियंका से सवाल करते हुए कहा था कि जब आपके पास 1000 बसें थीं, तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल क्यों भेज रहे हैं?
रविवार को प्रियंका गांधी(Priyanka Gandhi Vadra) ने इसी मामले को लेकर दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं। मुख्यमंत्री इसकी परमिशन दें। हम अपने भाइयों और बहनों की मदद करना चाहते हैं।