लद्दाख( Ladakh) स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC) पर चीन (China) की ओर से सीमा विवाद को लेकर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को हाई लेवल मीटिंग की हैं। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए।पीएम मोदी ने इस बैठक से इतर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रिंगला से अलग से इस मामले पर बातचीत की।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सीडीएस जनरल रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ चीन से तनाव के मामले पर लंबी समीक्षा बैठक कर चुके हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( line of actual control) पर चीन के साथ तनावपूर्ण माहौल के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) और तीन सेनाओं के प्रमुखों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में LAC के जमीनी हालात की समीक्षा की गई और आगे रणनीति पर विचार किया गया।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार चार घंटे से ज्यादा वक्त तक महामंथन हुआ जिसमें रक्षा मंत्री ने चीन की तरफ से सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर भारत की प्रतिक्रिया का खाका पेश किया। इस महामंथन के दौरान स्पष्ट कर दिया गया कि संघर्ष विराम के लिए बातचीत तो चलती रहेगी, लेकिन भारतीय सेना वहां अपनी संप्रभुता से बिल्कुल भी समझौता नहीं करते हुए अपनी पकड़ कायम रखेगी। मीटिंग में यह भी फैसला हुआ कि इलाके में सड़क निर्माण का काम चलते रहना चाहिए और भारत अपना सैन्य दल-बल चीन के मुकाबले बढ़ाता रहेगा।
भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हालात सामान्य करने के लिए कई बार मीटिंग हो चुकी है। हालांकि, सोमवार तक इसमें कोई कामयाबी नहीं मिली। उससे पहले रविवार को भी मीटिंग हुई थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। संभव है कि आगे क्षेत्रीय कमांडरों के स्तर पर और बैठकें हों।
चीन से तनातनी के बीच सेना कमांडरों का द्विवार्षिक सम्मेलन 27 से 29 मई तक दिल्ली में होगा।लद्दाख में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच होने जा रहे इस सम्मेलन में सेना के टॉप अधिकारी हिस्सा लेंगे। बैठक का दूसरा दौर जून के अंत में आयोजित किया जाएगा. सम्मेलन को पहले अप्रैल में आयोजित किया जाना था, लेकिन COVID-19 लॉकडाउन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
जानकार का कहना है कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ऑपरेशनल मुद्दों और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LOC) की स्थिति पर सम्मेलन में विचार होने की संभावना है।सम्मेलन में कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों की समीक्षा भी की जा सकती है. सेना से जुड़े सूत्र ने कहा “यह एक निर्धारित बैठक है और इसका चीन के साथ मौजूदा स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है।