जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) जिले में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर फरवरी 2019 जैसी घटना को अंजाम दिए जाने की आतंकवादी साजिश को नाकाम कर दिया। आतंकवादी एक बार फिर विस्फोटक भरी कार को सुरक्षाबलों की गाड़ियों से टकरना चाहते थे। पिछले साल 14 फरवरी को इसी तरह के आत्मघाती हमला में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस बार निशाने पर सुरक्षा बलों की 20 गाड़ियां जिसमें सीआरपीएफ के करीब 400 जवान थे।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) में राजपुरा रोड पर शादीपुरा के पास पास एक सफेद रंग की सेंट्रो कार मिली, जिसमें आईईडी (Improvised Explosive Device) बरामद किया। कार के अंदर ड्रम में एक्सप्लोसिव रखा था। गुरुवार सुबह कार में लगे आईईडी को डिफ्यूज करके सुरक्षा बलों ने धमाके की बड़ी साजिश को टाल दिया है।पुलवामा (Pulwama) के पास एक कार में आईईडी (IED) भर कर रखी गयी थी, जिसकी समय रहते हुए पहचान कर ली गयी। जानकारी के मुताबिक कार को उसकी जगह से हटाकर कहीं और ले जाना संभव नहीं था इसलिए सुरक्षाबलों ने उस कार को वहीं पर नियंत्रित विस्फोट के जरिए उड़ा दिया। इससे पहले आसपास के इलाके को खाली करा लिया गया क्योंकि गाड़ी में विस्फोटकों की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि इससे तबाही मच सकती थी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार (Inspector-General of Police Kashmir, Vijay Kumar ) ने बताया कि यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) की थी और हिज्बुल मुजाहिद्दीन (Hizbul Mujahideen) इसमें मददगार था। दोनों आतंकवादी संगठन मिलकर एक बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।
इस पुलवामा (Pulwama) हमले में निशाने पर सुरक्षा बलों की 20 गाड़ियां निशाने पर थीं, जिसमें सीआरपीएफ (CRPF ) के करीब 400 जवान होते। पहले इस हमले को करने की प्लानिंग जंग-ए-बदर के दिन की थी, लेकिन तब से अबतक पुलिस ने अपनी तरफ से कोई सुरक्षा चूक नहीं होने दी जिसकी वजह से आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए। इस हमले में तीन आतंकियों के शामिल होने का पुलिस ने दावा किया है। इसमें पहले का नाम आदिल, दूसरे का फौजी भाई है। तीसरा कार का ड्राइवर था, जिसका पुलिस पता कर रही है। पुलवामा (Pulwama) हमले की तरह इस मामले की जांच भी एनआईए को सौंप दी गई है।
पुलिस को शक है कि जैश के निशाने पर सीआरपीएफ के 400 जवान थे। गुरुवार को सीआरपीएफ (CRPF ) की 20 गाड़ियों का काफिला श्रीनगर से जम्मू पहुंचा है। पता चला है कि काफिला सुबह 7 बजे बक्शी स्टेडियम कैंप से जम्मू के लिए निकलना था। इस काफिले में सभी रैंक के अफसर और जवान शामिल थे।
कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि उन्हें पहले से ऐसे हमले के इनपुट मिल रहे थे और वे पूरी तरह तैयार थे। बुधवार को इनुपट के बाद उन्होंने जगह-जगह पुलिस नाके लगाए। सेंट्रो कार जिसका इनपुट पुलिस पर था उसे नाके पर रोकने को कहा गया। नहीं रुकने पर फायरिंग हुई फिर आतंकी गाड़ी छोड़कर भाग गया। अंधेरे का फायदा उठाकर वह कहीं गायब हो गया। सुबह बम स्कॉड आया तो गाड़ी में आईईडी मिला। विजय कुमार के मुताबिक, इस साजिश में जैश का पाकिस्तानी कमांडर फौजी भाई शामिल है। उसकी उम्र करीब 45 साल बताई जाती है। आदिल नाम का कोई आतंकी भी इसमें शामिल था जो हिजबुल और जैश दोनों के लिए काम करता है। आदिल डार नाम का ही शख्स पुलवामा आतंकी हमले में शामिल था।