आगरा में 124 किलीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आये आंधी-तूफान ने तबाही मचा दी। विश्वदाय स्मारक ( World heritage Monument) ताजमहल(TajMahal)को भी भारी नुकसान पहुंचा है। आंधी से मुख्य मकबरे के पीछे यमुना की तरफ की पत्थर की जालीदार रेलिंग गिर गई। पूर्वी व पश्चिमी गेट पर प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर मशीन, फाइबर की छत, ऑटोमेटिक गेट ध्वस्त हो गए। स्मारक के अंदर भी कई पत्थर गिरे हैं। इससे पहले वर्ष 2018 में आए आंधी-तूफान में भी ताजमहल समेत कई स्मारकों को काफी नुकसान पहुंचा था।
शनिवार सुबह तूफान से ताजमहल (TajMahal) में हुए नुकासान की तस्वीर साफ हुई। ताजमहल में पाड़ गिरने से मुख्य मकबरे की सफेद संगमरमर की आठ और चमेली फर्श पर रेड सैंड स्टोन की तीन जालियां टूटी हैं। पश्चिमी गेट पर दरवाजे की चूल फंसाने वाला पत्थर का खांचा टूटा है। पूर्वी व पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की सुविधा को बने शेड की फॉल सीलिंग उखड़ गई है। पेड़ों की कई डाल टूट गयी हैं और छोटे पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं। चिंता इस बात की है कि यमुना की तरफ की रेलिंग गिर गई है। इसे फिर से तैयार कराया जाएगा। इसमें पत्थर इस्तेमाल होगा। इसे मुगलकालीन लुक किया जाएगा। अधीक्षण पुरातत्वविद बसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि जल्द मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। अन्य स्मारकों में भी देखा जा रहा है कि कोई नुकसान तो नहीं हुआ है।
आगरा में शुक्रवार शाम करीब 50 मिनट तक आंधी, ओले और बारिश ने जमकर कहर बरपाया। 124 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवा ने तमाम पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया। बिजली के खंभे और साइनेज धराशाई हो गए। बिजली आपूर्ति ठप होने से देर रात तक अधिकांश क्षेत्र अंधेरे में डूबे रहे।
दो साल में तीन बार आंधी से स्मारक Taj Mahal को नुकसान पहुंचा है। वर्ष 2018 में एक ही महीने में दो बार पिलर और पत्थर गिरे थे। दो मई को भारी नुकसान हुआ था। इससे पहले 2018 में 11 अप्रैल और दो मई को आंधी ने नुकसान पहुंचाया था। तब आंधी की रफ्तार 132 किमी. प्रति घंटा थी। रॉयल गेट, दक्षिणी गेट के उत्तर पश्चिम गुलदस्ता पिलर टूटकर गिर गए थे। सरहिंदी बेगम, फतेहपुरी बेगम के मकबरों में भी गुलदस्ता पिलर गिरे थे।