डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (Agra University) अलीगढ़ में खुलने जा रहे नये राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के लिए सौ करोड़ रुपए देगा।आगरा विश्वविद्यालय ने राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ (Aligarh University) को सौ करोड़ रुपए देने के प्रस्ताव पर मंगलवार को विवि की वित्त समिति ने मुहर लगा दी। अब पांच जून को ईसी की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा ( Dr B R Ambedkar University) वित्त समिति की बैठक मंगलवार को कुलपति प्रो. अशोक मित्तल की अध्यक्षता में खंदारी परिसर स्थित में हुई। बैठक में विवि का वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत किया गया। इसके समिति ने पारित कर दिया। शासन के निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय ने अपने परिक्षेत्र में खुलने जा रहे राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ (Aligarh University) को सौ करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव रखा। इस पर समिति ने मुहर लगा दी।
अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन एवं सेवा शर्तों के संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गयी। वित्त समिति ने इसे अनुमति प्रदान कर कार्य परिषद के लिए भेज दिया। वित्त समिति ने शिक्षक, कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति लाभ के लिए मुख्य जमा से तीन सौ करोड़ रुपए पेंशन फंड में जमा करने का भी प्रस्ताव पास कर दिया। कमेटी ने विवि के इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंस के डिपार्टमेंट ऑफ कैमेस्ट्री में शुरू हुए दो कोर्सों की फीस को भी निर्धारित कर दिया। बैठक में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन और वित्ताधिकारी ए के सिंह मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में तीन नए राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सरकारी आवास पर एक बैठक में उन्होंने कहा कि भूमि की व्यवस्था शीघ्र करते हुए कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए, जिससे इन विश्वविद्यालयों का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा सके। यह विश्वविद्यालय हैं-राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़, राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ और राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़(Aligarh University) के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध हो चुकी है। प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता के मद्देनजर, बाकी दो राज्य विश्वविद्यालयों के लिए भूमि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।