Friday, September 20, 2024

COVID-19, Delhi, Health, Law, News

दिल्ली के हालात ‘भयावह,’कोरोना मरीजों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक’, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई दिल्ली सरकार को फटकार,मांगा जवाब

) मरीजों की मौत के बाद उनके शवों के रखरखाव के तरीके पर   ने दिल्ली सरकार (Delhi government)   पर कठोर टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि  में और उनके अस्पतालों में बहुत बुरा हाल है।अस्पताल शवों का सही तरह से रखरखाव और निपटारा नहीं कर रही है, यहां लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है। अदालत ने राज्य सरकार को इस पर जवाब देने को कहा है । ने कोविड-19 ( ) के रोगियों की सही तरीके से देखरेख नहीं करने से जुड़े स्वत: संज्ञान वाले एक मामले में केंद्र, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से जवाब मांगा।

सुप्रीम कोर्ट (  का कहना है कि दिल्ली (  )के सरकारी अस्पताल शवों की उचित देखभाल नहीं कर रही हैं। मरीजों के परिवारों को भी मौतों के बारे में सूचित नहीं किया जा रहा है। कुछ मामलों में, परिवार अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए हैं।

जस्टिस  अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि दिल्ली में कोरोना जांच में कमी क्यों की गई है। न्यायमूर्ति शाह ने कहा है कि लाशों को अव्यवस्थित तरीके से रखा जा रहा है, आखिर ये हो क्या रहा है? उन्होंने इसके लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में शवों की उचित देखभाल नहीं की जा रही है। मरीजों के परिवारों को भी मौतों के बारे में सूचित नहीं किया जा रहा है। कुछ मामलों में, परिवार अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए हैं।जस्टिस शाह कहते हैं, ‘शवों को ऐसे ही रखा जा रहा है, यह क्या चल रहा है?’ जस्टिस शाह ने कहा, ” शवों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है, शव कचरे में पाए जा रहे हैं  लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है”।

शीर्ष अदालत ने कहा कि देश में हर रोज कोविड-19( ) के 10 हजार मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में जांच क्यों घटाई गई, ये समझ से परे है। दिल्ली सरकार ने जांच बढ़ाने के लिए क्या-क्या किया है, उसे ये बताना चाहिए। इसके अलावा दिल्ली के अस्पतालों में शवों के रख रखाव की हालत बेहद चिंताजनक है।

मामले पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार की ओर से शवों को लेकर दिशानिर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज को लेकर सरकार काम कर रही है, लेकिन कल जो तस्वीरें सामने आईं वो काफी भयावह थी।

सुप्रीम कोर्ट(   ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के बाद भी अगर राज्य इन्हें लागू नहीं कर रहे हैं, तो आप आखिर कर क्या रहे हैं? एक राज्य में लाश गटर में मिल रही है। अगर बेड हैं तो फिर सरकारी अस्पतालों की स्थिति क्या है?

इस मामले पर अब शीर्ष अदालत ने दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल सहित राज्य सरकारों को इस मामले पर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया। कोर्ट ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि वे रोगी प्रबंधन प्रणाली की स्थिति देखें और उचित स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

वहीं, अदालत ने केंद्र को भी नोटिस जारी करते हुए इस मुद्दे पर एक विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने सभी पक्षों को कोविड-19 ( )रोगियों और संक्रमित लोगों के शवों के प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों पर 17 जून तक जवाब देने को कहा। वहीं, अब इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार को होगी।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels