Friday, September 20, 2024

INDIA, Indian Army, Ladakh, News

भारतीय सैनिकों को एलएसी पर अब असाधारण परिस्थितियों में हथियार के इस्तेमाल की इजाजत

  ( में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद केंद्र सरकार ने सेना को खुली छूट दे दी है।अगर सीमा पर चीनी सैनिक  भारतीय सैनिकों की जान खतरे में डालते हैं तो भारतीय सेना  फायरिंग करने से नहीं चूकेगी।

ने के साथ वास्‍तविक नियंत्रण रेखा   पर हथियार न ले जाने के नियमों में बदलाव किया है। सेना  ने फील्ड कमांडरों को ‘असाधारण’ परिस्थितियों में हथियार (बंदूक) के उपयोग की अनुमति दी है। जानकारो  ने बताया कि दोनों देशों के बीच हुए करार के नियमों को बदल दिया गया है और फील्ड कमांडरों को सैनिकों को आदेश देने के लिए असाधारण परिस्थितियों मेंहथियार(बंदूक) का उपयोग करने का आदेश दिया गया है।पिछले दिनों ने भी कहा था कि जमीन पर स्थिति से निपटने के लिए सेना को पूरी स्वतंत्रता दी गई है। भारतीय पक्ष को पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए कोर कमांडर स्तर पर प्रस्तावित वार्ता के दौरान चीनी सेना के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने की उम्मीद है। भारत और चीन यानी दोनों पक्षों द्वारा 1996 और 2005 में हस्ताक्षर किए गए सीमा समझौतों के अनुसार एक-दूसरे पर गोली नहीं चलाने का करार है।

बता दें कि पिछले दिनों चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच पैट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास गलवन घाटी ( में  खूनी झड़प हो गई थी। झड़प के दौरान 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और कई चीनी सैनिक भी मारे गए और हताहत हुए थे। झड़प के बाद चीन ने अपनी पोस्ट वहां से हटा ली थी।

गौरतलब है कि अभी हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय सैनिकों ने हथियार क्यों नहीं प्रयोग किए इस पर सवाल किया था। जिसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सीमा पर सभी भारतीय जवान हथियारों से लैस होते हैं। यहां तक क‍ि पोस्‍ट छोड़ने के दौरान भी भारतीय जवान हथियारों के साथ होते हैं। बीते 15 जून को हुई घटना का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा था कि उस दिन भी हमारे जवान निहत्‍थे नहीं थे। हमारे जवान साल 1996 और 2005 में चीन के साथ हुए समझौते के तहत गोला बारूद का इस्तेमाल नहीं करने को मजबूर थे। बता दें कि 1996 देवेगौड़ा और 2005 में मनमोहन सिंह की सरकारें थी।

 

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels