योग गुरू बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने अपनी कोरोना की दवा से जुड़ा एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि आयुर्वेद का विरोध एवं नफरत करने वालों के लिए घोर निराशा की खबर। इस ट्वीट के साथ उन्होंने आचार्य बालकृष्ण का एक ट्वीट संलग्न किया है जिसमें आयुष मंत्रालय ने कहा है कि उसे दवा के क्लीनिकल ट्रायल संबंधी सभी दस्तावेज मिल गए हैं।
बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने आचार्य बालकृष्ण(Acharya Balkrishna) का जो ट्वीट संलग्न किया है उसमें आयुष मंत्रालय की ओर से ये भी लिखा गया है कि वह शोध के नतीजों के सत्यापन के लिए इस दस्तावेजों का अध्ययन करेगा. इसी पत्र के बाद बाबा रामदेव ने ये ट्वीट किया है।
आयुर्वेद का विरोध एवं नफरत करने वालों के लिए घोर निराशा की खबर… https://t.co/IYWphkgCGR
— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) June 24, 2020
स्वामी रामदेव (Baba Ramdev)की पतंजलि आयुर्वेद की ‘दिव्य कोरोना किट’ के विज्ञापन पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी थी। मंत्रालय ने रामदेव की कंपनी से दवा के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। पूछा है कि उस अस्पताल और साइट के बारे में भी बताएं, जहां इसकी रिसर्च हुई। वहीं उत्तराखंड सरकार से इस आयुर्वेदिक दवा के लाइसेंस आदि के बारे में जानकारी मांगी है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार की ओर से कोविड 19 ( COVID-19) के उपचार के लिए तैयार दवाओं के बारे मे उसे मीडिया से जानकारी मिली। दवा से जुड़े वैज्ञानिक दावे के अध्ययन और विवरण के बारे में मंत्रालय को कुछ जानकारी नहीं है।
मंगलवार को दवा लॉन्च करते समय रामदेव (Baba Ramdev) का दावा था कि यह इतनी असरदार है कि कोरोना के माइल्ड से मॉडरेट केसेज 3 से 7 दिन में रिकवर हो जाते हैं। उन्होंने ट्रायल के नतीजो का हवाला देते हुए यह दावा किया था। पतंजलि की ‘दिव्य कोरोना किट’ में तीन चीजें हैं- कोरोनिल, श्वसारि वटी और अणु तेल। कंपनी के अनुसार, कोरोनिल टैबलेट में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा मूल घटक हैं।