Friday, September 20, 2024

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चीन को नेपाली गांव ‘गिफ्ट’ कर फंसे प्रधानमंत्री ओली,इस्तीफे की मांग के डर से नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक से रहे गायब 

नेपाल (  )के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (PM KP Sharma Oli )  ने भारत के कुछ इलाकों को अपने देश के नए नक्शे में शामिल करके दोनों देशों को रिश्तों में कड़वाहट घोल दी वही दूसरी ओर चीन ( ) को नेपाल के कुछ गांव ‘गिफ्ट’ करने पर उनकी पोल खुल गयी है। नेपाल (  ) की 10 जगह 36 हेक्टेयर जमीन पर चीन अतिक्रमण की जानकारी से नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी पर खतरे के बादल मडराने लगे हैं। सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ( Nepal Communist Party)  की स्थायी समिति की बैठक के अंतिम दिन इस्तीफे की मांग के डर से पीएम ओली शामिल नहीं हुए। जिसके बाद पार्टी के चेयरमैन पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ( Pushpa Kamal Dahal )  और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पीएम ओली की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक कदम बताया।

शुक्रवार को बैठक के आखिरी दिन भारत-नेपाल सीमा ( –   border) विवाद को लेकर चर्चा की गई। जिसमें स्थायी समिति के सभी सदस्यों ने भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता में विफल रहने को लेकर ओली प्रशासन की आलोचना की। पार्टी ने आरोप लगाया कि पीएम ओली के कार्यकाल में भारत-नेपाल के संबंध सबसे ज्यादा निचले स्तर पर पहुंचे हैं। बैठक में नेपाल में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में ओली सरकार के फेल होने का आरोप भी लगाया गया।बैठक के दौरान सबको आशा थी कि पीएम ओली जरूर शामिल होंगे। पार्टी महासचिव बिष्णु पोडेल ने बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री अपने काम में व्यस्त हैं और वह बाद में शामिल होंगे, लेकिन बैठक खत्म होने तक वो नहीं आए। जिसके बाद सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने समय बाद हो रही पार्टी की बैठक को पीएम ओली ने नजरअंदाज कर दिया है। शुक्रवार को बोलने वाले 18 नेताओं में, एस्टा लक्ष्मी शाक्य, भीम रावल और ओली के अपने आदमी रघुबीर महासेठ सहित कई लोगों ने महत्वपूर्ण बैठक की अनदेखी करने के लिए प्रधानमंत्री की मंशा पर सवाल उठाया।एक मीडिया रिपोर्ट में नेपाल के कृषि मंत्रालय के सर्वे विभाग के 2017 में जारी उस दस्तावेज को ही पेश कर सरकार की पोल खोल दी गई है, जिसमें चीन पर नेपाल (  )की उत्तरी सीमा में 10 स्थानों पर करीब 36 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण करने की स्पष्ट जानकारी दी गई थी।
बता दें कि नेपाल (  )के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (PM KP Sharma Oli ) पर को नेपाली गांव ‘गिफ्ट’ कर देने के आरोप लग रहे हैं। खुद सत्ताधारी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ भी इस मुद्दे पर ओली की आलोचना करते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग कर चुके हैं।
लेकिन शुक्रवार को नेपाली समाचार पत्र द हिमालयन टाइम्स ने सर्वे विभाग के दस्तावेज को पेश कर दिया। इस दस्तावेज में कहा गया था कि चीन ने तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र में अपना सड़क नेटवर्क फैला लिया है। इसके चलते कुछ नदियों और उनकी सहायक नदियों ने अपना रास्ता बदल लिया है।अब ये नदियां नेपाल की तरफ बहने लगी हैं। दस्तावेज में सरकार को चेतावनी दी गई थी कि यदि इन नदियों का यही रुख जारी रहा तो नेपाल की सैकड़ों हेक्टेयर जमीन तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र (टार) का हिस्सा बन जाएगी।

दस्तावेज में यह भी बताया गया था कि इसके चलते नेपाल की हुमला जिले में 10 हेक्टेयर, रसुवा में 6 हेक्टेयर, सिंधुपालचौक में 11 हेक्टेयर और संखुवासभा में 9 हेक्टेयर जमीन के हिस्से में चली गई है। इस दस्तावेज में यह भी अंदेशा जताया गया था कि चीन ( )अपने कब्जे में आ गए इस इलाके में सैन्य पुलिस के जवानों की मदद से निगरानी चौकियां स्थापित कर सकता है।

नेपाली अखबार अन्‍नपूर्णा पोस्‍ट के मुताबिक रुई गांव वर्ष 2017 से तिब्‍बत के स्‍वायत्‍त क्षेत्र का हिस्‍सा हो गया है। इस गांव में अभी 72 घर हैं। रुई गांव अभी भी नेपाल के मानचित्र में शामिल है, लेकिन वहां पर पूरी तरह से चीन का नियंत्रण हो गया है। रुई गांव के सीमा स्तंभों को अतिक्रमण को वैध बनाने के लिए हटा दिया गया है। रुई गांव में 72 घरों में रहने वाले निवासी अपनी मूल पहचान के लिए लड़ रहे हैं।

 

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels