चाइनीज वायरस ( ‘Chinese virus’ ) कोरोना के संक्रमण के चलते बंद चल रहे विश्वदाय स्मारक ( world heritage monument) ताजमहल (Taj Mahal )और किला सहित देशभर के सभी स्मारक छह जुलाई से खुलेंगे। गुरुवार को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। स्मारकों को एहतियातन 17 मार्च से बंद कर दिया गया था। तभी से उन पर ताला लगा हुआ है। इससे बंदी से जूझते पर्यटन उद्योग को राहत मिलेगी। छह जुलाई को ताजमहल 108 दिनों की बंदी के बाद खुलेगा।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा देशभर में 3600 से अधिक संरक्षित स्मारक हैं। देश में चाइनीज वायरस ( ‘Chinese virus’ ) कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के निर्देशों पर संस्कृति मंत्रालय ने स्मारकों को 16 मार्च को बंद करने का आदेश किया था। रातोंरात यह निर्णय होने के बाद 17 मार्च की सुबह से स्मारकों पर ताला लटका होने से वहां पहुंचे पर्यटकों को निराशा हाथ लगी थी। तभी से स्मारक बंद चले आ रहे हैं।
ताजमहल (Taj Mahal )को बंद हुए 100 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। यह पहला मौका है जब ताजमहल, सिकंदरा, फ़तेहपुर सीकरी सहित सभी स्मारक इतने लंबे समय तक बंद रहे हैं। इस पाबंदी से लगभग चार लाख लोगों का रोजगार ठप है।
ताजमहल (Taj Mahal )बंद होने से पर्यटन से जुड़े लोगों और सरकार को नुकसान हुआ है। टिकट से 148 करोड़ रुपये की सालाना कमाई है। 100 दिन में 40 करोड़ का नुकसान हुआ। 2600 करोड़ की पर्यटकों से सालाना कमाई है। अगर स्मारक खुले होते तो 15 लाख पर्यटक 100 दिनों में आगरा आते। बंद रहने से 350 करोड़ रुपये का सीधे नुकसान हुआ है। पर्यटन उद्योग से जुड़े ज्यादातर लोग गाइड, फोटोग्राफर, हस्तशिल्पी, ट्रेवल ट्रेड के ड्राइवर, एस्कॉर्ट, होटल कर्मचारी दिहाड़ी पर निर्भर थे, जिनकी बचत खत्म होने के बाद वो पाई-पाई को मोहताज हैं।
शहर में 350 हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम, शोरूम व दुकानें 17 मार्च से बंद पड़ी हैं। देसी और विदेशी सैलानियों में ही हस्तशिल्प को लेकर क्रेज था और लोकल मार्केट इन्हीं की खरीद पर निर्भर रहता था। हस्तशिल्प से 35 हजार से ज्यादा कारीगर जुड़े हुए हैं, जिनकी संख्या पहले 80 हजार तक थी लेकिन हस्तशिल्प पर जीएसटी के बाद इसकी मांग में कमी आई है और कई शिल्पी काम ही छोड़ गए। लॉकडाउन में मार्बल पच्चीकारी के 35 हजार शिल्पकार दाने-दाने के लिए मोहताज हो गये हैं।