प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) गलवान घाटी झड़प के 18 दिन बाद शुक्रवार को अचानक लेह -लद्दाख ( Ladakh) पहुंचे। यहां उन्होंने आर्मी, एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अफसरों से सीमा की स्थिति का जायजा लिया। वे मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती जख्मी सैनिकों से भी मिले।मोदी सुबह अचानक करीब साढ़े नौ बजे दिल्ली से लेह पहुंचे। इसके बाद नीमू बेस के लिए रवाना हुए। यह जगह गलवान घाटी से 250 किमी दूर है।
पीएम मोदी जिस नीमू बेस कैम्प पर गए, वो जगह भारत-चीन सीमा से ज्यादा दूर नहीं। पूर्व में एलएसी है और पश्चिम में एलओसी। यह जगह शायद इसीलिए चुनी गई ताकि दोनों देशों को साफ संदेश जाए कि भारत का राजनीतिक नेतृत्व सामने से मुकाबला करता है। और यह भी कि भारत किसी तरह की धमकी या आक्रामक रुख से घबराने वाला नहीं है।
मोदी ने लद्दाख ( Ladakh) स्थित नीमू बेस पर थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat )और आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी थे। मुलाकात के बाद जवानों (Indian Army ने भारत माता की जय के नारे लगाए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीमू में करीब आधे घंटे तक जवानों से बातचीत की। बताया गया इस दौरान उन्होंने कुछ जवानों से अपने अनुभव भी जाने।
अचानक लेह पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन (China) को सख्त संदेश दिया है.भारतीय सेना (Indian Army )के जवानों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विस्तारवाद का युग खत्म हो चुका है। अब विकासवाद का समय आ गया है।मोदी ने कहा जो लोग कमजोर हैं वे कभी भी शांति की बात नहीं कर सकते हैं। शांति के लिए बहादुरी की जरूरत होती है।
15 जून को दोनों सेनाओं के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद भी वार्ता का दौरा जारी है। भारत व चीन के बीच जारी सैन्य तनाव को खत्म करने के लिए अभी तक तीन बार सैन्य स्तर पर और तीन बार कूटनीतिक स्तर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकल सदोनो तरफ से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की जा रही है। भारतीय सेनाओं ने भी चौतरफा अग्रिम मोर्चे पर टैंकों के साथ हथियारों की तैनाती में इजाफा कर दिया है।.बता दें कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत व चीन के बीच करीब सात हफ्तों से तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच स्थिति 15 जून को इतनी बिगड़ गई थी कि गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस दौरान चीन के भी 40 से अधिक सौनिक मारे गए थे। सेना प्रमुख नरवाने इससे पहले 23 व 24 जून को लद्दाख ( Ladakh) का दौरा कर चुके हैं। तब उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें की थीं और पूर्वी लद्दाख के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा भी किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) इस दौरे का सबसे बड़ा संदेश चीन China (中国)को गया है। मोदी के नीमू दौरे से चीन को मिर्ची तो लगी है। तभी तो चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ‘किसी को भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे तनाव और बढ़े।
Speaking in Nimu. India is proud of the courage of our armed forces. https://t.co/juUjqkAp6v
— Narendra Modi (@narendramodi) July 3, 2020