
श्रीनगर (Srinagar ) से पहलगाम के लिए आज प्रात: छह बजे छड़ी मुबारक यात्रा ( Chhari Mubarak Yatra) रवाना हुई। इस दौरान बाबा अमरनाथ के जयकारों से श्रीनगर गूंज उठा। कोरोना महामारी के मद्देनजर 21 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra ) में इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है। साधु-संतों के अलावा 55 साल से कम उम्र के श्रद्धालुओं को ही यात्रा की इजाजत दी गई है। बच्चे और बुजुर्ग इस बार बाबा बर्फानी के दर्शन नहीं कर सकेंगे। जम्मू से रोजाना 500 श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए सड़क मार्ग से भेेजे जाएंगे।
छड़ी मुबारक यात्रा ( Chhari Mubarak Yatra) करीब 100 साधु-संतों और अन्य लोगों के साथ दशनामी अखाड़ा श्रीनगर से पहलगाम के लिए रविवार प्रात: छह बजे रवाना हुई।छड़ी मुबारक यात्रा ( Chhari Mubarak Yatra)सदियों पुरानी परंपरा है। इसके अनुसार, ‘भूमि-पूजन’, ‘नवग्रह पूजन’ और ‘ध्वजारोहण’ की रस्मों को पूरा किया जाता है। यह छड़ी-मुबारक स्वामी अमरनाथ की यात्रा के आरंभ के अवसर पर होती है।
पहली बार बाबा बर्फानी की विशेष पूजा का लाइव प्रसारण दूरदर्शन (Doordarshan) पर रविवार सुबह 7.30 बजे से शुरू हो गया।रविवार

को विशेष पूजा में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू,( GC Murmu )बीएस राजू, जीओसी चिनार कॉर्प्स समेत कई अफसर शामिल हुए।
दूरदर्शन (Doordarshan) की 15 सदस्यीय टीम प्रसारण के सिलसिले में शुक्रवार को पवित्र गुफा पहुंच गई है। पांच जुलाई (व्यास पूर्णिमा) से तीन अगस्त (रक्षाबंधन) तक सुबह-शाम दोनों वक्त की आरती का दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण होगा। हालांकि, यात्रा 21 जुलाई से प्रस्तावित है।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुताबिक, पवित्र अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra ) पर जाने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना निगेटिव का प्रमाणपत्र साथ रखना होगा। जम्मू बेस कैंप में श्रद्धालुओं की कोरोना स्क्रीनिंग होगी। साधुओं को छोड़कर सभी तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा।इस साल तीर्थयात्री केवल उत्तरी कश्मीर के बालटाल मार्ग से होकर जा पाएंगे। पहलगाम मार्ग से अनुमति नहीं दी जाएगी। आमतौर पर अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra ) 45 से 60 दिन तक चलती है लेकिन इस बार यात्रा केवल 14 दिन की होगी।