दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court) ने मंगलवार को सेना (Indian Army ) के एक वरिष्ठ अधिकारी को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि या तो सेना के आदेश का पालन कीजिए या इस्तीफा दे दीजिए। उन्होंने हाल में सेना द्वारा फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम ( Instagram ) जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल सशस्त्र बल के कर्मियों के लिए प्रतिबंधित किए जाने को चुनौती दी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court) ने कहा कि उनके पास विकल्प है और उनसे फेसबुक (Facebook) अकाउंट बंद करने के लिए कहा। सैन्यकर्मियों के लिए सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने का निर्णय देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। अदालत ने कहा कि वह बाद में नया सोशल मीडिया अकाउंट बना सकते हैं। न्यायमूर्ति राजीव सहाय और न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कहा कि याचिका पर विचार करने का जब एक भी कारण नहीं मिला है तो अंतरिम राहत देने का सवाल ही नहीं उठता है।
पीठ ने कहा, ‘खासकर तब जब मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।’ लेफ्टिनेंट कर्नल पी. के. चौधरी ने कहा कि जब वह अकाउंट बंद कर देंगे तो उनके फेसबुक (Facebook) अकाउंट में सभी डेटा, संपर्क और दोस्तों से संपर्क टूट जाएगा जिसे फिर बहाल करना मुश्किल होगा। पीठ ने कहा कि नहीं, नहीं। माफ कीजिएगा। आप कृपया इसे बंद कीजिए। आप कभी भी नया अकाउंट बना सकते हैं। ऐसे नहीं चलता है।
आप एक संगठन का हिस्सा हैं। आपको इसके आदेशों को मानना होगा। पीठ ने कहा, ‘अगर आपको फेसबुक ज्यादा पसंद है तो इस्तीफा दे दीजिए। देखिए आपके पास विकल्प है, आप चाहे जो करें। आपके पास दूसरे विकल्प भी हैं।’ छह जून की नीति के मुताबिक भारतीय सेना के सभी कर्मियों को आदेश दिया गया है कि वे फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम ( Instagram ) और 87 अन्य एप पर अपने अकाउंट बंद करें।
अदालत ने सैन्य अधिकारी से कहा, अगर फेसबुक ज्यादा पसंद है तो इस्तीफा दे दीजिए