खूंखार अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey ) एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कुछ बेहद तल्ख टिप्पणियां की हैं । कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि इतने सारे केस होने के बावजूद दुबे को जमानत मिली हुई थी। कोर्ट ने कहा कि जिस शख्स को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए था, उसे जमानत मिली। यह संस्थान की नाकामी है।सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल किया है ,और इसका उत्तर मिलेगा तो सच्चाई देश के सामने आयेगी किस तरह अपराधी को सिस्टम मदद करता है ।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) के चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि हम तो आश्चर्यचकित हैं कि ऐसे शख्स को जेल से जमानत पर छोड़ा गया। ये सिस्टम का फेल्योर है कि वह जमानत पर छूटा और ऐसा किया। हम जमानत ऑर्डर देखना चाहते हैं। अदालत ने कहा कि यूपी सरकार को कानून का शासन बहाल रखना होगा। आरोपी अथॉरिटी को चुनौती देता है पुलिस को चुनौती देता है लेकिन बतौर राज्य आपके लिए कानून का शासन है और उसे लागू करना आपकी ड्यूटी है। ये सिर्फ एक घटना की बात नहीं है बल्कि पूरा सिस्टम दांव पर लगने की बात है। चीफ जस्टिस ने इस दौरान सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आप सीएम, डेप्युटी सीएम का बयान देंखे। अगर कोई बयान दिया जाता है और बाद में कुछ होता है तो उसे भी आपको देखना चाहिए। उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) सरकार ने जांच कमेटी के पुनर्गठन पर सहमति जताई। ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पेश किया जाएगा। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट बुधवार को आदेश पारित करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) के चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको यहां ये नहीं बताना है कि विकास दुबे(Vikas Dubey ) कौन है और उसके खिलाफ कितने केस हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम अदालत को संतुष्ट करना चाहते हैं कि वह कौन था। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप राज्य सरकार हैं और आपकी जिम्मेदारी है कि कानून-व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए आरोपी की गिरफ्तारी, ट्रायल और सजा जरूरी है। राज्य की ड्यूटी है कि कानून का शासन बहाल रहे।