सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan ) के खिलाफ मंगलवार को अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने भूषण के साथ-साथ ट्विटर इंडिया (Twitter India) के खिलाफ भी यही ऐक्शन लिया है। मामले की सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
चल रही खबरों के मुताबिक, प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट( Supreme Court) ने यह ऐक्शन उनके न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट्स के मद्देनजर लिया है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी कल यानी बुधवार को प्रशांत भूषण(Prashant Bhushan ) और ट्विटर इंडिया (Twitter India) के खिलाफ अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के रिकॉर्ड्स के मुताबिक, मंगलवार शाम 3.48 बजे भूषण और ट्विटर इंडिया के खिलाफ स्वतः संज्ञान से SMC(Crl)1/2020 नंबर का केस दर्ज किया गया।
प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan ) न्यायपालिका पर लगातार हमले कर रहे हैं। वो कोविड-19 महामारी में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ काफी मुखर रहे और उनकी तीखी आलोचना करते रहे। 27 जून के एक ट्वीट में प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan ) ने लिखा, ‘जब भविष्य में इतिहासकार यह देखने के लिए पिछले 6 साल पर नजर डालेंगे कि कैसे आपातकाल की औपचारिक घोषणा के बिना भारत में लोकतंत्र को कुचल दिया गया है तो वो इस बर्बादी में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका का विशेष जिक्र करेंगे और खासकर पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका का।’
उन्होंने जेल में बंद भीमा कोरेगांव की घटना के आरोपियों वर्वरा राव और सुधा भारद्वाज के इलाज को लेकर भी कड़े बयान दिए। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रशांत भूषण के किस/किन ट्वीट/ट्विट्स को सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना के दायरे में रखा।