अयोध्या (Ayodhya ) में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के एक मशविरे पर विवाद शुरू हो गया है। उद्धव ठाकरे की ओर से राम मंदिर का भूमि पूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराने का सुझाव देने पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ये बयान शिवसेना (Shiv Sena)के पतन का परिचायक है। उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कोरोना काल के बीच राम मंदिर (Ram Temple) का भूमि पूजन कराने को लेकर ये सुझाव दिया था। ठाकरे ने अयोध्या के कार्यक्रम की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्माण कार्य के औपचारिक आरंभ की वकालत की थी।
विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘मुझे उद्धव ठाकरे का वक्तव्य देखकर आश्चर्य हुआ है, जिसमे उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि के लिए भूमि पूजन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराने का सुझाव दिया। यह सुझाव केवल एक अंधे विरोध करने की भावना से आया है। आलोक कुमार ने कहा कि यह शिवसेना (Shiv Sena) का कैसा पतन है, जिसे कभी बाला साहब ठाकरे ने प्रखर हिंदुत्व की राजनीति के लिए गढ़ा था।
आलोक कुमार ने कहा कि भूमि पूजन भवन निर्माण के पहले एक आवश्यक और पवित्र रस्म है। इस रस्म में भूमि को खोदने से पहले धरती माता की जाती है। पूरी विधि के बाद धरती से भवन की नींव खोदने की इजाजत मांगी जाती है। ऐसे में ये काम दिल्ली में बैठकर डिजिटल तरीके से नहीं हो सकता।
आलोक कुमार ने कहा कि कोरोना के इस वक्त में देश सावधानियों के साथ सारे कामों को कर रहा है। वहीं अमरनाथ यात्रा के स्थगन के बावजूद वहां सारी रस्में उसी विधि से निभाई गई हैं। हमने ये कहा है कि भूमि पूजन समारोह में भी सारे निर्देशों और एहतियात का पालन किया जाएगा, लेकिन इन सब के बावजूद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) लोगों के स्वास्थ्य के नाम पर ढोंग कर रहे हैं।