महाराष्ट्र ( Maharashtra ) के एलगार परिषद मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA ) ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू एम.टी. को गिरफ्तार कर लिया। एनआई ( NIA )के मुंबई कार्यालय में उससे 23 जुलाई से पूछताछ की जा रही है। हनी बाबू पर भीमा-कोरेगांव हिंसा की साजिश में शामिल होने का आरोप है। उसे बुधवार को मुंबई स्थित एनआईए ( NIA )कोर्ट में पेश किया जाएगा। जांच एजेंसी का दावा है कि हनी नक्सली गतिविधियों और माओवादी विचारधारा को बढ़ावा देते है। छानबीन के दौरान खुलासा हुआ है कि भीमा कोरेगांव में समुदायों के बीच नफरत फैलाने की साजिश में हेनी भी शामिल थे।
54 वर्षीय हनी बाबू उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर ( Noida )का रहनेवाला है। वह एलगार परिषद मामले (Elgar Parishad case) में गिरफ्तार बारहवां आरोपी है। उससे पहले प्रथम चरण में सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन, रोना विल्सन, महेश राऊत एवं सुधीर धवले को गिरफ्तार किया गया था। दूसरे चरण में पी. वरवर राव, सुधा भारद्वाज, वर्नन गोंसाल्विस एवं अरुण फरेरा को गिरफ्तार किया गया। जबकि इसी वर्ष अप्रैल में प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े एवं गौतम नौलखा को गिरफ्तार किया जा चुका है।
यह मामला महाराष्ट्र के पुणे (Pune) जिले के शनिवारवाड़ा में कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एल्गार परिषद के दौरान लोगों को भड़काने और भड़काऊ भाषण देने के संबंध में पहले महाराष्ट्र पुलिस ने दर्ज किया था।आरोप है कि इस मंच से विभिन्न जाति समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले बयान हुए और जिसके चलते हिंसा हुई जिसके परिणाम स्वरूप जान और माल की हानि हुई इस घटना के बाद महाराष्ट्र में राज्यव्यापी आंदोलन भी हुआ था।
पुणे पुलिस का आरोप है कि एक जनवरी, 2018 को भीमा-कोरेगांव में हिंसा फैलाकर शहरी नक्सल समूह राज्य सरकार को अस्थिर करने की योजना बना रहा था। इस समूह पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या जैसी कोई साजिश भी रची जा रही थी। अप्रैल में गिरफ्तार गौतम नौलखा पर तो कश्मीरी आतंकियों से भी संबंध रखने का आरोप है। एनआईए गौतम नौलखा के जरिए नक्सली-आतंकी संबंधों की भी जांच कर रही है।