राम की नगरी अयोध्या (Ayodhya में यह रामकथा का नया अध्याय है, 492 वर्ष बाद आज से शुरु हो रहा है । अपनी माटी, अपने ही आंगन में ठीहा पाने को रामलला पांच सदी तक प्रतीक्षा करते रहे तो रामभक्तों की ‘अग्निपरीक्षा’ भी अब पूरी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार यानी आज अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर (Ram Temple) के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही आधार शिला भी रखेंगे।
अयोध्या (Ayodhya की धरती 76 युद्ध और करीब चार लाख श्रद्धालुओं के बलिदान की साक्षी रही है। आज यह नगरी भक्ति और उल्लास के नए रंग में डूबी है। हर छत लहरा रही भगवा पताका, पीतवर्ण दीवारें और देहरी-देहरी झिलमिलाते दीपक रामलला की अगवानी को आतुर हैं। बस, अब प्रतीक्षा उस क्षण की है, जब बुधवार की दोपहर को अभिजित मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य राम मंदिर निर्माण(Ram Temple) के लिए भूमिपूजन करेंगे। पांच सदी तक चले राम मंदिर निर्माण के आंदोलन की धरती भले ही अयोध्या रही, लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम की धरा ने धैर्य कभी नहीं छोड़ा। रामभक्तों के बलिदानी संघर्ष पर भरोसे की वह नींव टिकी हुई थी कि हां, एक न एक दिन रामलला का भव्य मंदिर बनेगा और रामलला उसमें विराजेंगे।
राम की नगरी रामलला के भव्य मंदिर निर्माण(Ram Temple) के उल्लास में डूबी नजर आ रही है। घर-घर में तैयारियों और उल्लास का माहौल है। सड़कों-गलियों से लेकर छतों पर केसरिया झंडे लहरा रहे हैं। इस आयोजन के इतर अयोध्या तो न्यारी ही छटा में है। सड़कों के किनारे पीले रंगे मकान शुभ कार्य का संदेश दे रहे हैं। कोई घर ऐसा नहीं, जिस पर भगवा पताका न लहरा रही हो। सड़कों पर सज रही रंगोली, कतारबद्ध किए जा रहे दीपक कल्पना को उसी समय में धकेल रहे हैं कि जब चौदह वर्ष का वनवास समाप्त कर प्रभु श्रीराम अपनी अयोध्या लौटे होंगे। दीपावली के उसी उल्लास में इस पावनधरा का कण-कण डूबा है;पावन सरयू के तट पर आस्था का मेला सजा है।
राम मंदिर निर्माण (Ram Temple)का कार्य पूरा करने के लिए करीब साढ़े तीन साल का लक्ष्य रखा गया है। मंदिर की ऊंचाई 161 फीट की होगी। मंदिर में पांच गुंबद होंगे। इसके लिए भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तैयारियां चल रही हैं। अयोध्या का राम मंदिर देश का सबसे भव्य मंदिर होगा। इतना भव्य मंदिर देश में कहीं नहीं होगा।