पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा( Manoj Sinha )को जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया। राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ( GC Murmu ) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। लगभग नौ महीने तक प्रदेश की कमान संभालने वाले मुर्मू भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) होंगे। मुर्मू ने अनुच्छेद 370 हटने की पहली वर्षगांठ पर त्यागपत्र दिया है।
बुधवार देर शाम अचानक उपराज्यपाल के इस्तीफे की चर्चा शुरू हुई। पूरे दिन उन्होंने सरकारी कामकाज किया। प्रशासनिक परिषद की बैठक की अध्यक्षता की और शाम को उनके इस्तीफे की बात सामने आई।
सूत्रों का कहना है कि मुर्मू को केंद्र में भेजे जाने की कवायद पिछले कई महीने से चल रही थी। सोशल मीडिया पर भी उन्हें हटाए जाने की बात वायरल हुई थी लेकिन तब केंद्र ने उनका बचाव किया था। 1985 बैच के आईएएस अफसर रहे मुर्मू गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे थे।
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल तथा संचार राज्यमंत्री रहे मनोज सिन्हा( Manoj Sinha ) को अब एक बार फिर बड़ा ओहदा दिया गया है। गाजीपुर से लोकसभा सांसद रहे मनोज सिन्हा के 2019 में चुनाव हारने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी उनको राज्यसभा में भेजेगी, लेकिन अब उनको जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया है।
मनोज सिन्हा ( Manoj Sinha ) उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के गाजीपुर( Ghazipur ) के निवासी हैं। इसी जिले को उन्होंने अपनी कर्मभूमि भी बनाया और उनकी गिनती पूर्वी भारत के भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख चेहरों में होती हैं। मनोज सिन्हा के बारे में ऐसी चर्चाएं होती हैं कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के सबसे विश्वासपात्र नेताओं में से एक हैं। इसी कारण उनको अब एक और बड़ी जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर के नए उप राज्यपाल के रूप में मिली है।
