Friday, September 20, 2024

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पालघर में साधुओं की लिंचिंग मामले में महाराष्ट्र पुलिस के आरोप-पत्र का परीक्षण करेगा सुप्रीम कोर्ट

   ( ) में दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की भीड़ द्वारा हत्या मामले में  (  महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) की चार्जशीट का परीक्षण करेगा।

उच्चतम न्यायालय ने   सरकार से कहा कि वह पालघर( जिले में अप्रैल में दो साधुओं समेत तीन व्यक्तियों की पीट-पीटकर हत्या के मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच और इस संबंध में की गई कार्रवाई की स्थिति से उसे अवगत कराए।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी की पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह संबंधित निचली अदालत के समक्ष दायर किए गए आरोप पत्र को उसके सामने पेश करे। उसने कहा कि वह अंतिम रिपोर्ट की समीक्षा करना चाहेगी।

केंद्र सरकार ने भी कहा कि अदालत को महाराष्ट्र पुलिस( ) की चार्जशीट पर जांच पर विचार करना चाहिए।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम न्यूज पेपर की रिपोर्ट से नहीं जाएंगे।अगर यहां अपराध के लिए पुलिस जिम्मेदार है, तो देखने की जरूरत है, चूंकि SC इस मामले की सुनवाई कर रहा है, इसलिए राज्य को तीसरी चार्जशीट दाखिल न करने दें और अब तक दर्ज की गईं दो चार्जशीट्स को रिकॉर्ड में डालें।महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में दो आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं और तीसरा आरोप पत्र सोमवार को दाखिल करेंगे।तीसरा आरोप पत्र पुलिसवालों पर हमले को लेकर है।

मामले में मुख्य याचिकाकर्ता होने का दावा करने वाले अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने पीठ के समक्ष दलील दी कि महाराष्ट्र साधुओं की भूमि है, लेकिन उन्हें पुलिस ने खुद ही भीड़ के हवाले कर दिया।

न्यायमूर्ति भूषण ने महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता राहुल चिटनिस से पालघर( में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की लिंचिंग मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई जांच में हुई प्रगति के बारे में पूछा। वहीं झा ने कहा कि राज्य सरकार को आरोप पत्र के प्रासंगिक अंश दाखिल करने होंगे और अब तक की जांच की प्रगति पर एक हलफनामा भी दाखिल करना होगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, सभी आरोप पत्रों को रिकॉर्ड पर आने दें और अदालत को तय करने दें कि क्या प्रासंगिक है और क्या नहीं।शीर्ष अदालत ने मामले को तीन सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 11 जून को पालघर में साधुओं की लिंचिंग की सीबीआई (  )जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा था।

इसके साथ ही न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति छवी. रामसुब्रह्मण्यम की एक पीठ ने इस मामले में दायर की गई एक अलग याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (  )  से इस मामले की जांच कराने की मांग की गई है, ताकि सबूत नष्ट न हो सके।

उल्लेखनीय है कि इस घटना में मारे गए तीनों व्यक्ति कोविड-19 महामारी के दौरान लागू राष्ट्रव्यापी बंद के बीच मुंबई में कांदिवली से कार से गुजरात के सूरत जा रहे थे, जहां उन्हें एक अंतिम संस्कार में शामिल होना था। इनकी गाड़ी गढ़चिंचली गांव में 16 अप्रैल की रात में पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने रोक ली और उन पर हमला कर दिया। इस हमले में दोनों साधुओं सहित तीनों व्यक्ति मारे गए। मारे गए व्यक्तियों में 70 वर्षीय महाराज कल्पवृक्षगिरि, 35 वर्षीय सुशील गिरि महाराज और 30 वर्षीय ड्राइवर नीलेश तेलगड़े शामिल थे।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels