उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) जालौन (Jalaun) के उरई ( Orai ) में यूपी पुलिस प्रताड़ना से क्षुब्ध युवती ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि पुलिस युवती को चोरी के शक में में कोतवाली ले गई और उसे कमरे में बंद कर मारपीट की। देर रात युवती को यह कहकर छोड़ा कि शनिवार को फिर कोतवाली आएगी।
इससे क्षुब्ध युवती ने शनिवार सुबह ही घर पर फांसी लगा ली। परिजनों ने कोतवाली पहुंचकर हंगामा किया। जिस पर सीओ संतोष कुमार ने तहरीर लेकर परिजनों को शांत कराया।
उरई ( Orai ) रामनगर निवासी कल्लू पल्लेदार की 21 वर्षीय बेटी नीशू शुक्रवार दोपहर अपनी दो सहेलियों के साथ बलदाऊ चौक के पास स्थित मोबाइल की दुकान पर मोबाइल ठीक कराने गई थी। पुलिस का कहना है कि तभी कुछ दुकानदारों ने कोतवाली आकर पुलिस को बताया कि दो दिन पूर्व दुकान से पर्स चोरी हुआ था, जिसमें इन्हीं लड़कियों का हाथ है।
इस पर पुलिस की जीप मोबाइल की दुकान पर पहुंची और नीशू समेत उसकी सहेलियों को लेकर उरई ( Orai ) कोतवाली आ गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस करीब दो बजे नीशू को लेकर कोतवाली आई और बंद कमरे में पुलिस वाले बेटी व उसकी सहेलियों के साथ अभद्रता व मारपीट करते रहे।

कमरे में सिर्फ एक महिला सिपाही थी बाकी पुरुष पुलिस कर्मी ही थे। तीन बजे के आसपास सूचना पाकर परिजनों की भीड़ भी कोतवाली पहुंच गई थी। इसके बाद रात दस बजे यह कहकर नीशू व उसकी सहेलियों को छोड़ा गया कि शनिवार को पूछताछ के लिए दोबारा कोतवाली आना पड़ेगा।
मां लौंगन देवी का कहना है कि शनिवार सुबह अपनी छोटी बहनों के साथ कमरे में सो रही नीशू ने दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगाकर जान देने का प्रयास किया किसी तरह उसे फंदे से उतारा गया और अस्पताल लेकर भागे पर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
मां लौंगन देवी ने बताया कि आठ घंटे तक पुलिस वाले बिटिया को कमरे में बंद किए रहे उसे पानी भी नहीं पीने दिया। इतना ही नहीं बिटिया को दई गारी औउर पट्टा से भी मारिन, जिससे बिटिया काफी परेशान थी। घर आकर उसने रात में कुछ खाया पिया नहीं। कितने अरमान थे कि बेटी की डोली उठाएंगे पर क्या पता था कि उसकी अर्थी को कंधा देना पड़ेगा।