Friday, September 20, 2024

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#UttarPradesh आगरा में भूख से गरीब की बेटी की मौत , सच्चाई छुपाने में जुटा प्रशासन

 (   के     जिले में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। बरौली अहीर ब्लॉक के नगला विधिचंद में शनिवार को पांच वर्षीय बच्ची  की भूख (hunger)  मौत हो गई। मृतक बच्ची का परिवार मुफलिसी में जी रहा है। मां का कहना है कि घर में एक सप्ताह से खाने के लिए कुछ नहीं था। बेटी  भूख (hunger)   बीमार भी थी। उसने कई दिनों से कुछ नहीं खाया था। बच्ची की मौत के बाद प्रशासन ( Agra administration ) में हड़कंप मच गया।

प्रशासन (  administration ) ने मृतक के घर 50 किलो आटा, चावल और अन्य राशन सामग्री उपलब्ध कराई है।भूख (hunger) से बच्ची की मौत की सच्चाई को छिपाने के लिये जिला प्रशासन पूरा जोर लगा दिया गरीब अशिक्षत पिता से प्रशानिक अमले ने अपने बचाब में ब्यान लिख उसका अंगूठा लगवा लिया ।

मृतक बच्ची की 40 वर्षीय मां शीला देवी ने बताया कि वो मजदूरी कर बच्चों का पेट पालती थी। पति सांस रोगी है। इससे वो काम पर नहीं जा पाता। लॉकडाउन में काम छूट गया। घर में एक माह से राशन नहीं था। पड़ोसी की मदद से 15 दिन गुजार लिए, लेकिन बच्ची को तीन दिन से बुखार आ गया। खाना न मिलने से बच्ची में खून की कमी हो गई थी। न दवा के पैसे थे और राशन खरीदने के लिए।

शीला देवी का कहना है कि राशन कार्ड नहीं होने से कभी राशन नहीं मिला। टोरंट पावर ने बिजली काट दी। सात हजार रुपये का बिल जमा नहीं कर सकी। तीन माह से घर में बिजली नहीं है। मुफलिसी और भूख से मेरी बेटी सोनिया की मौत हो गई।

जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने मामले की जांच के लिए तहसीलदार सदर प्रेमपाल सिंह को मृतक के घर भेजा। तहसीलदार ने कहा कि बच्ची की मौत डायरिया से हुई। कई दिनों से वो बीमार थी। भूख (hunger)से मौत नहीं हुई। पीड़ित के घर 50 किलो आटा, 40 किलो चावल व अन्य राशन सामग्री उपलब्ध कराई है। परिवार का राशन कार्ड भी बनेगा। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है। इस रिपोर्ट में पीड़ित गरीब पप्पू का बयान भी है जिसमें उसकी बेटी की मौत खून की कमी से होना बताया गयाऔर उस रिपोर्ट पर पीड़ित का अंगूठा लगवाया है । यह बयान प्रशासनिक (  administration ) विफलताओं की पर्देदारी करने के लिये एक बार फिर गरीब को इस्तेमाल कर लिया है ।

शीला देवी ने बताया कि नोटबंदी के समय चार साल पहले मेरे आठ साल के लड़के की मृत्यु हो चुकी है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने शासन-प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

आगरा के फिजिशियन और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शरद गुप्ता के अनुसार  ‘भूखमरी के केस में शरीर में सबसे पहले डिहाइड्रेशन होता है, फिर ग्लूकोज लेवल तेजी से गिरता है। शरीर में हाइपोग्लाइसेमिया (लो ब्लड शुगर) और हाइपोवोलेमिया ( ब्लड वॉल्यूम गिरना) की स्थिति बन जाती है। भुखमरी से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलैंस भी हो जाता है। इन सारी प्रक्रिया के बाद और थकावट के चलते जो शख्स कई दिनों से भूखा है उसकी कार्डियोरेस्पायरेट्री अरेस्ट के चलते मौत हो जाती है।’

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels