Friday, September 20, 2024

China, Nepal, World

चीन कर रहा नेपाल की जमीन पर कब्जा, सीमा में 1.5 किमी तक अंदर घुसा; चीन समर्थक पीएम ओली ने साधी चुप्पी

 ( ) की  नीति नेपाल (  )में अनियंत्रित होती जा रही है।नेपाल में समर्थक प्रधानमंत्री के रूप में   ( ) को पाकर चीन अब वहां के महत्वपूर्ण जमीनी ठिकानों पर कब्जा करने की मुहिम में जुट गया है। यह कब्जा कई सीमावर्ती इलाकों में हो रहा है। कुछ हफ्ते पहले सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने इस पर विरोध भी जताया था, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग तेजी से आगे बढ़ रहा है और अधिक से अधिक भूमि का अतिक्रमण कर नेपाली सीमाओं को आगे बढ़ा रहा है।  माना जा रहा है कि वास्तविकता ज्यादा बदतर हो सकती है क्योंकि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी () चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ( Chinese Communist Party  ) के विस्तारवादी एजेंडे पर चुप्पी साधे बैठी है।

नेपाल(  ) के कृषि मंत्रालय की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने सात सीमावर्ती जिलों में जमीन पर अवैध कब्जे किए हैं। ये जिले हैं– डोलखा, गोरखा, धारचूला, हमला, सिंधुपालचोक, संखुवासभा और रासुवा। पता चला है कि डोलखा (  Dolakha ) जिले से लगने वाली सीमा को चीन ने नेपाल के डेढ़ किलोमीटर अंदर कर दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन नेपाल से लगने वाली सीमा को बदलने के काम में तेजी से लगा हुआ है। वह नेपाल की जमीन पर कब्जा कर अपना भूभाग ब़़ढा रहा है। पता चला है कि इस रिपोर्ट से इतर जमीनी हालात और खराब हैं। चीन ने नेपाल के बड़े भूभाग पर कब्जा कर रखा है, जिसके बारे में नेपाल सरकार को खबर ही नहीं है। जो कब्जे जानकारी में आए हैं, सत्तारू़ढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी सरकार उन पर भी पर्दा डालने में जुटी है।

पता चला है कि कई सीमावर्ती इलाकों पर कब्जा कर चीन ने वहां पर स़़डक, पानी और बिजली की सुविधाएं भी कायम कर ली हैं। ऐसे कई सीमावर्ती गांव अब चीन का हिस्सा हो गए हैं, जो कुछ साल पहले नेपाल में थे। गोरखा और धारचूला जिलों के कई गांव चीन के कब्जे में पहुंच चुके हैं। नेपाल मानवाधिकार आयोग ने धारचूला के जियूजियू गांव के चीन में शामिल किए जाने की शिकायत भी सरकार से की है।

कब्जा अभियान में चीन सीमा पर लगे पिलर उखाड़ कर गायब कर देता है या निर्जन इलाकों में लगे पिलर की स्थिति बदलकर उन्हें नेपाल (  )सीमा में और भीतर ले जाकर गाड़ देता है और जमीन पर कब्जा कर लेता है। चीन के इन अवैध कब्जों पर ओली सरकार इसलिए चुप्पी साधे हुए हैं कि उसे डर है कि उसके विरोध जताने पर चीन नाराज हो जाएगा। ऐसे में पार्टी में आंतरिक विरोध झेल रहे ओली के पास से चीन का समर्थन जाता रहेगा और प्रधानमंत्री की कुर्सी उनके हाथ से निकल जाएगी।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels