उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) ) के कानपुर (Kanpur ) जिले में दो माह पहले हुए लैब टेक्नीशियन संजीत अपहरण एवं हत्याकांड में न्याय की गुहार लगा रहे परिजनों के सब्र का बांध मंगलवार सुबह एक बार फिर टूट गया। जिसके बाद परिजन बर्रा के शास्त्री चौक पर धरने पर बैठ गए। इसकी जानकारी होते ही मौके पर पहुंची पुलिस ( UP police ) ने पिता चमन सिंह और बहन रुचि को धरने से खींचकर उठाया और फिर घसीटते हुए ले गए और सभी लोगों को हिरासत में लेकर नजरबंद कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर(Kanpur ) हुए लैब टेक्नीशियन संजीत यादव( Sanjeet Yadav ) के अपहरण और उसके बाद हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ( UP police ) हर कदम पर फेल नजर आ रही है।संजीत अपहरण और हत्याकांड में सीबीआई जांच, एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद, फिरौती में दी रकम की बरामदगी और बेटी की सरकारी नौकरी की मांग को लेकर मंगलवार सुबह संजीत के परिजन शास्त्री चौक पर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए। सूचना मिलते ही जनता नगर चौकी और थाने की पुलिस मौके पर आ गई।
कानपुर (Kanpur ) पुलिस ने जांच जारी होने का भरोसा देते हुए परिजनों को समझाने का प्रयास किया तो लोग भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। हालात बिगड़ते देखकर सीओ गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय सर्किल की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। नोकझोंक और धक्का-मुक्की शुरू होने पर पुलिस ने पिता चमन सिंह और बहन रुचि को धरने से खींचकर उठाया और फिर घसीटते हुए ले गए।
पुलिस के काफी समझाने के बाद भी जब परिजन नहीं माने तो पुलिस ने पिता चमन और बहन रुचि को जबरन गाड़ियों में बैठा लिया और हिरासत में लेकर नजरबंद कर दिया। इस बीच संजीत की बहन आसपास से गुजर रहे लोगों से मदद की गुहार लगाती रही उसने कहा कि कोई तो मदद करो मदद करो भैया नहीं तो यह लोग मार डालेंगे।
लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था। 29 जून को उसके परिवारवालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी। परिवारवालों ने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी थी। लेकिन न तो पुलिस अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई, न संजीत यादव को बरामद कर सकी। 21 जुलाई को जब पुलिस ने सर्विलांस की मदद से संजीत के दो दोस्तों को पकड़ा तो पता चला कि उन लोगों ने संजीत की 26 जून को हत्या कर दी।
शव को पांडु नदी में फेंक दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। पुलिस ने पांडु नदी में कई बार लगातार सर्च अभियान चलाया, लेकिन संजीत का शव नहीं मिला। बाद में सरकार ने इस मामले की जांच को सीबीआई ( CBI ) को सौंपने का फैसला किया था लेकिन जांच अभी शुरू नहीं हो सकी है जिसको लेकर परिजनों में आक्रोश है।