वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान बंद किए गए केरल( Kerala ) के विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) के कपाट पांच महीनों के बाद बुधवार को भक्तों के लिए खोल दिए गए। कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद मंदिर 21 मार्च से ही बंद था।
भक्तों को सुबह आठ बजे से 11 बजे और शाम को पांच बजे से शाम को दीप आराधना तक मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी।
मंदिर के सूत्रों ने बताया कि हमने भक्तों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। भक्तों की सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए फर्श पर निशान बनाए गए हैं। बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
श्रद्धालुओं को मंदिर जाने से एक दिन पहले शाम पांच बजे तक spst.in पर दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा और मंदिर आने पर पंजीकरण की प्रति और आधार कार्ड साथ रखना होगा।मंदिर में एक बार में 35 श्रद्धालु ही दर्शन करेंगे और 1 दिन में 665 श्रद्धालुओं की ही एंट्री होगी।इसके साथ ही कोरोना वायरस के खतरे और नियमों को ध्यान में रखते हुए 60 साल से अधिक और 10 साल से कम उम्र वालों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
श्री पद्मनाभस्वामी भगवान विष्णु का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुवनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। मंदिर की संरचना में सुधार कार्य किए गए जाते रहे हैं। उदाहरणार्थ 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निमार्ण त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा ने करवाया था। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple)के साथ एक पौराणिक कथा जुड़ी है। मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निमार्ण किया गया है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन का विवाद नौ सालों तक न्यायालय में चला। केरल उच्च न्यायालय के फैसले को त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और जुलाई में शीर्ष न्यायालय ने मंदिर प्रबंधन में त्रावणकोर के पूर्व राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी ।