Friday, September 20, 2024

Education, INDIA, News, PM Narendra Modi, States, Uttar Pradesh

झांसी में प्रधानमंत्री मोदी ने किया रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का लोकार्पण कहा- बुंदेलखंड की धरती पर नई गर्जना की जरूरत

   (  )   ने शनिवार को (   )  में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University) को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्‍वविद्यालय और प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी (  )ने कहा कि कभी रानी लक्ष्मीबाई ने बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी- ‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी।’ आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है- मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा। इसमें बहुत बड़ी भूमिका कृषि की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (  ) ने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है। जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होने वाले हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को, उसकी प्रेक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है। प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को इंट्रोड्यूस किया जाए।

उद्घाटन के बाद, प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत की और खाद्य तेल के आयात को कम करने और खाद्य प्रसंस्करण, विशेष रूप से फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण को बढ़ाने जैसी कुछ चुनौतियों के समाधान के तरीकों के बारे में उनकी राय मांगी।

प्रधानमंत्री मोदी (  ) ने एक छात्र से पूछा कि क्या सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सूक्ष्म, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई के बारे में किसानों में जागरूकता पैदा की जा सकती है।

बातचीत के दौरान, प्रधान मंत्री ने इस क्षेत्र में जल के पुनचक्रीकरण तथा नवीन और कम लागत वाली प्रौद्योगिकी के माध्यम से जल और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने वर्ष 2014-15 में अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू किया। वहां कृषि, बागवानी और वानिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों पाठ्यक्रमों की पेशकश की जा रही है। अभी तक यह विश्वविद्यालय झांसी में ‘इंडियन ग्रासलैंड एंड फोड्डर रिसर्च इंस्टीट्यूट, के परिसर में चल रहा था।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस राष्ट्र्रीय महत्व के संस्थान से बुंदेलखंड क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों को फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा देने की गुंजाइश मौजूद है जिस दिशा में सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में काम कर रही है।

 (  के   (Chief Minister Yogi Adityanath )  ने कहा कि झांसी (   )में एक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थापित करने से सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र लाभान्वित होगा और किसानों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

उन्होंने सरकार के हालिया प्रयासों की सराहना की जिसने इस क्षेत्र में बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना ने क्षेत्र में काफी हद तक सूखे को दूर करने में मदद की है, जबकि जल जीवन मिशन ने यहां पेयजल समस्या का समाधान किया है।

जानकारी के मुताबिक, विश्वविद्यालय में 127 करोड़ की लागत से शैक्षणिक भवन बनाए गए हैं, जबकि 29 करोड़ की लागत से प्रशासनिक भवन और 16 करोड़ की लागत से 2 छात्रावास बनकर तैयार हुआ है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels