आगरा के डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Agra University) के बहुचर्चित फर्जी अंकतालिका प्रकरण में शुक्रवार को महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है ।विश्वविद्यालय ने बीएड( B.Ed. ) 2004-05 सत्र के उन तीन हजार छहसौ पैंतीस अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है जिनकी अंकतालिकाओं फर्जी घोषित कर दिया था,अब डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने इनको फर्जी घोषित करने के अपने आदेश को स्थगित कर दिया है।
विश्वविद्यालय (Agra University) ने एसआईटी की सूची के आधार पर इनको फर्जी घोषित किया था। कोर्ट ने एसआईटी की जांच के आधार पर फर्जी घोषित करने को सही नहीं माना था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के मद्देनजर विवि ने यह निर्णय लिया है।बीएड डिग्री पर नौकरी कर रहे सहायक अध्यापकों को बड़ी राहत दी है जिनको विश्वविद्यालय के फर्जी घोषित करने के बाद बीएसए ने बर्खास्त कर दिया था। अब उनकी बहाली का रास्ता भी साफ हो गया है।
फर्जी मार्कशीट की जांच कर रही एसआईटी ने विश्वविद्यालय को 3637 बीएड अभ्यर्थियों की सूची दी थी। इसके बाद विश्वविद्यालय ने पहले चरण में 2823 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र भी फर्जी पाए जाने पर इनको इसी साल सात फरवरी को फर्जी घोषित कर दिया। दूसरी सूची के तौर पर 814 अभ्यर्थियों को अपना पक्ष रखने के लिए कहा। इनमें से दो अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र ही विश्वविद्यालय की जांच में सही पाए गए।
इस पर विश्वविद्यालय (Agra University) ने 29 जुलाई को इन्हें फर्जी घोषित कर दिया था। इसके खिलाफ एक अभ्यर्थी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने माना कि एसआईटी की जांच के आधार पर अभ्यर्थियों को फर्जी नहीं माना जा सकता है। कुलसचिव डॉ. अंजनि कुमार मिश्र ने बताया कि कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए 2004-05 के 3635 अभ्यर्थियों को फर्जी घोषित किए जाने वाले आदेश को अग्रिम आदेश आने तक स्थगित कर दिया है।
बता दें कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (Agra University) के बहुचर्चित फर्जी अंकतालिका प्रकरण में कार्यपरिषद ने बीएड सत्र 2005 (2004-05) के फर्जीवाड़े में 2824 छात्रों की अंकतालिका को फर्जी करार दिया है। 3637 फर्जी छात्रों (रोल नंबर जनरेट, बिना पढ़े और परीक्षा दिए अंकतालिका देना) की सूची पर यह फैसला लिया है। फर्जी अंकतालिका के आधार पर छात्रों ने प्रदेश भर में शिक्षक की नौकरी पा ली है।