Friday, September 20, 2024

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#DelhiRiots: दिल्ली हिंसा की चार्जशीट में पुलिस ने येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद को बताया दंगों का साजिशकर्ता

दिल्ली पुलिस (  ने  (  मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल कर सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयति घोष, डीयू के प्रोफेसर तथा सामाजिक कार्यकर्ता अपूर्वानंद तथा डॉक्यूमेंट्री मेकर राहुल रॉय को दंगों का सह-साजिशकर्ता बताया है। पुलिस ने इन पर प्रदर्शनकारियों को किसी भी हद तक जाने, सीएए-एनआरसी को समुदाय विशेष का विरोधी बताकर लोगों को भड़काने तथा सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए धरना प्रदर्शन आयोजित करने के लिए कहने का आरोपी बनाया है।

ने यह पूरक आरोप उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 से 26 फरवरी के बीच हुए दंगों के सिलसिले में दाखिल किया गया है। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 581 जख्मी हुए थे। इनमें से 97 लोग गोली लगने से घायल हुए थे।
इन नेताओं तथा अन्य लोगों को जेएनयू छात्रा तथा पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता तथा नताशा नरवाल तथा जमिया की छात्रा गुलफिशा फातिमा के बयानों के आधार पर पूरक आरोप पत्र में आरोपी बनाया गया है। यह बयान जाफराबाद हिंसा के सिलसिले में लिए गए थे और पुलिस के अनुसार वहीं से दंगों की शुरुआत हुई थी। इन छात्राओं में आंतक विरोधी कानून यूएपीए के तहत मुकदमे दर्ज हैं।
दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र में दावा किया है कि देवांगना तथा नताशा ने न केवल दंगों में अपनी भूमिका स्वीकार की बल्कि घोष, अपूर्वानंद तथा रॉय को अपना गुरू बताया जिन्होंने कथित रूप से उन्हें सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने तथा किसी भी हद तक जाने के लिए कहा था।

पुलिस के अनुसार देवांगना तथा नताशा ने अपने बयानों में कहा है कि उन्होंने घोष, अपूर्वानंद तथा रॉय के कहने पर दिसंबर 2019 में दरियागंज में प्रदर्शन किया तथा 22 फरवरी 2020 को जाफराबाद में चक्का जाम किया। इन छात्राओं ने पुलिस को यह भी बताया कि इन तीनों ने ही उन्हें सीएए के विरोध में प्रदर्शन के तरीके सिखाने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) तथा जामिया कॉर्डीनेशन कमेटी (जेसीसी) के साथ तालमेल किया था।

दिल्ली पुलिस (   ने इनके अलावा गुलफिशा फातिमा के बयान को घटनाओं की पुष्टि के लिए प्रयोग किया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि फातिमा के बयानों में येचुरी, यादव के अलावा भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण, उमर खालिद तथा पूर्व विधायक मतीन अहमद, विधायक अमानतुल्ला खान के साथ उनके समुदाय के अन्य नेताओं के नामों का भी जिक्र है। पुलिस का दावा है कि इन्होेंने साजिशकर्ताओं की मदद की।

पुलिस (   का दावा है कि फातिमा को सरकार की छवि खराब करने के लिए प्रदर्शन करवाने के लिए कहा गया था। उसने अपने बयान में कहा लोगों को भड़काने तथा लामबंद करने के लिए उमर खालिद, चंद्रशेखर रावण, योगेंद्र यादव, येचुरी तथा वकील मेहमूद प्राचा जैसे नेता तथा वकील आने लगे थे।

पुलिस के अनुसार मेहमूद प्राचा ने कहा कि धरने में बैठना लोकतांत्रिक अधिकार है तो वहीं अन्य नेताओं ने सीएए-एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताते हुए लोगों को भड़काया था। आरोप पत्र के मुताबिक देवांगना ने अपने बयान में कहा है कि उमर खालिद ने भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के कुछ तरीके बताए थे। इन नेताओं के निर्देश पर उमर खालिद के संगठन यूनाइटेड अगेनस्ट हैट, जेसीसी तथा पिंजरा तोड़ के लोगों ने राजधानी में कई स्थानों पर धरने प्रदर्शन शुरू किए थे।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels