दिल्ली दंगे (North East Delhi Riots) के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने जो आरोप-पत्र ( चार्जशीट) दायर किया है उसमें कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA)के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid), माकपा नेता वृंदा करात (Brinda Karat) और उदित राज शामिल थे। दिल्ली पुलिस ने यह दावा दिल्ली दंगों ( Delhi Riots) के मामले में दाखिल आरोप पत्र में इशरत जहां और खालिद सैफी तथा सुरक्षा प्राप्त एक गवाह के बयानों के आाधार पर किया है।
कड़कड़डूमा अदालत में दाखिल आरोप पत्र में पूर्व कांग्रेसी पार्षद इशरत जहां तथा सुरक्षा प्राप्त एक गवाह के बयानों का हवाला देते हुए कहा है कि इन्होंने अपने बयानों में नेताओं के भड़काऊ भाषणों का जिक्र किया है।आरोप पत्र में कहा गया है कि सुरक्षित गवाह ने अपने बयान में कहा है कि उदित राज, खुर्शीद और करात जैसे कई बड़े नेता और जेएनयू का पूर्व छात्र नेता उमर खालिद खुरेजी धरना स्थल पर आए थे और वहां सीएए तथा एनपीआर के खिलाफ भाषण दिए थे।
वहीं आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि इशरत जहां ने अपने इकबालिया बयान में कहा है कि सीएए के खिलाफ धरने को लंबा खींचने के लिए खुर्शीद, फिल्मकार राहुल रॉय, भीम आर्मी सदस्य हिमांशु, चंदन कुमार समेत कई बड़े नेताओं को उसने तथा खालिद सैफी ने जामिया कॉर्डीनेशन कमेटी (जेसीसी) के कहने पर बुलाया था। इन लोगों ने भड़काऊ भाषण दिए थे जिसके कारण धरने में बैठे लोग सरकार के खिलाफ हो गए थे।
पुलिस ( Delhi Police )ने सैफी के इकबालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा है कि जनवरी 2020 में सीएए विरोधी धरने में स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, खुर्शीद इन भाषणों में आते थे। सैफी के पूरक बयान में यह भी कहा गया है कि धरने को लंबा खींचनेे के लिए खुर्शीद, शरजील इमाम, जेसीसी के सदस्य मीरान हैदर को खुरेजी धरना स्थल पर बुलाया गया था। इन लोगों को सैफी व इशरत जहां ने बुलाया था।बता दें कि नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में इस साल 24 फरवरी को सीएए को लेकर साम्प्रदायिक दंगे (North East Delhi Riots) शुरू हो गए थे। इसमें 53 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 200 लोग घायल हो गए थे।