कोरोना महामारी के बीच बिहार (Bihar ) विधानसभा के लिए चुनावों की तारीखों का एलान हो गया है। चुनाव आयोग (Election Commission ) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी शंखनाद कर दिया।
कोरोना वायरस महामारी के बीच पहली बार देश में मतदान होने जा रहा है। चुनाव आयोग इस बार चुनाव के लिए कई खास इंतजाम किए हैं ताकि मतदाताओं और मतदानकर्मियों को वायरस से बचाते हुए लोकतंत्र के इस पर्व को मनाया जा सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस ने हमारे जीने का तरीका बदल दिया है। सामाजिक और आर्थिक जिंदगी बदल गई है। कोरोना वायरस की वजह से दुनियभर 70 से ज्यादा देशों में चुनावों को टाल दिया गया। कोरोना के दौर में यह पहला चुनाव है। चुनाव नागरिकों का लोकतात्रिक अधिकार है। इसके जरिए वे अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम आज बिहार (Bihar ) विधानसभा चुनाव का ऐलान करने जा रहे हैं। यह कोरोना काल में दुनिया में सबसे बड़ा चुनाव है। विहार विधानसभा चुनाव का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है। पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या घटाई गई है। एक बूथ पर अधिकतम 1000 मतदाता होंगे। नए सुरक्षा मानकों के तहत चुनाव कराए जाएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पूरा चुनाव तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 16 जिलों के 71 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे। दूसरे चरण में कुल 17 जिलों के 94 विधानसभा क्षेत्रों में वोट पड़ेंगे और तीसरे चरण में 15 जिलों के 78 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण के लिए एक अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पहले चरण का 28 अक्टूबर, दूसरे चरण का तीन नवंबर और तीसरे चरण का मतदान सात नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी।आयोग ने इस बार चुनाव के लिए खास इंतजाम किए हैं। बता दें कि राज्य में पिछली बार पांच चरणों में चुनाव हुए थे।
बिहार (Bihar ) विधानसभा की कुल 243 सीटों के लिए इस बार 7.79 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें से 38 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2015 में प्रदेश में 6.68 करोड़ मतदाता थे। करीब 56 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।